जरूरतमंद देशों को वैक्सीन प्रदान करने में चीन की भूमिका अग्रणी

2022-08-28 18:13:47

कोविड महामारी के दौर में वैक्सीन का काफी महत्व है। हालांकि कोविड-19 महामारी शुरू होने के दो साल बाद भी वैक्सीन वितरण में असमानता सामने आ रही है। इस बीच चीन ने जरूरतमंद देशों को टीकों के वितरण में अहम भूमिका निभाई है। चीन की मदद के चलते करोड़ों लोगों को समय पर कोरोना रोधी वैक्सीन लगायी जा सकी, इससे वायरस के खिलाफ उन्हें मजबूत सुरक्षा मिली।  

जानकार कहते हैं कि चीन ने पिछले कुछ समय से जिस तरह का काम किया है, उसे देखते हुए वह विकासशील देशों को वैक्सीन देने वाला एक अहम देश बन गया है।

आंकड़ों के मुताबिक इस साल अगस्त महीने तक चीन ने 120 से अधिक देशों व अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को कोविड-19 वैक्सीन की 2 अरब 40 करोड़ से अधिक खुराकें प्रदान की हैं।

चीन सरकार के अनुसार, उसने 20 से अधिक देशों में संयुक्त उत्पादन संयंत्र शुरू किए हैं या वैक्सीन तैयार करने वाली तकनीकों को वहां ट्रांसफर किया है। जिसके चलते विदेशों में वैक्सीन की 1 अरब से अधिक खुराक की वार्षिक निर्माण क्षमता कायम हुई है।

इतना ही नहीं हाल में विदेशों में चीनी कंपनी साइनोफार्म द्वारा बनायी गयी तीस लाख वैक्सीन खुराकें पहुंचाई गयी हैं, जिन्हें 14 जुलाई को तंजानिया के डारएस सालाम को दान किया गया । इससे लाखों लोगों को लाभ मिलने की उम्मीद है। 

इसके साथ ही चीन ने 30 जून को म्यांमार को बीस लाख से अधिक खुराकों की आपूर्ति करने का भी वादा किया, वहीं आसियान देशों को कुल 60 करोड़ खुराकें प्रदान की गयी हैं।

पेकिंग यूनिवर्सिटी से जुड़े चा ताओजियोंग कहते हैं कि चीन ने गरीब और कम विकसित देशों के लिए टीकों की समय पर और सस्ती पहुंच को सुविधाजनक बनाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

गौरतलब है कि वैक्सीन राष्ट्रवाद एक समस्या बनकर उभरा है, क्योंकि कुछ देशों ने अपने देश के नागरिकों के स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए दूसरे देशों की सहायता नहीं की। देखने में आया कि इसके कारण पश्चिमी देशों में वैक्सीन बेकार पड़ी रहीं, लेकिन उन्हें गरीब देशों के लोगों को प्रदान नहीं किया गया। हालांकि चीन द्वारा इस वैश्विक संकट में छोटे और महामारी की चुनौती से जूझ रहे देशों को व्यापक मदद दी गयी। यह इस बात का प्रतीक है कि विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते चीन ने अपनी ओर से समय पर विभिन्न देशों को वैक्सीन और अन्य चिकित्सा सामग्री प्रदान की।

उम्मीद की जानी चाहिए कि अमेरिका जैसे देश चीन से सीखते हुए इस संकट की घड़ी में मदद के लिए आगे आएंगे।

(अनिल पांडेय)

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