“वन डॉक्टर” वांग छुएहोंग की कहानी

2022-08-25 15:45:11

52 वर्षीय वांग छुएहोंग मध्य चीन के च्यांगशी प्रांत के नानछांग शहर के वानली प्रबंध ब्यूरो में काम करने वाली एक कर्मचारी हैं। यहां काम करने के 16 वर्षों में उन्होंने अपने क्षेत्र के हर वन का दौरा किया है। वे दिन-ब-दिन पहाड़ पर गश्त लगाती हैं, वन में कीटों की स्थिति की निगरानी करती हैं। स्थानीय लोग स्नेहपूर्वक उन्हें वन डॉक्टर पुकारते हैं।

गौरतलब है कि वानली में राष्ट्रीय वन पार्क स्थित है, जिसे नानछांग शहर का "प्राकृतिक ऑक्सीजन बार" और "ग्रीन फेफड़े" माना जाता है। इसलिये स्थानीय वन संरक्षण कार्य बहुत महत्वपूर्ण है। वांग छुएहोंग वानली में बड़ी हो गयीं, इसलिये यहां के पहाड़ व झील के प्रति उन का गहरा प्रेम होती है।

हर वर्ष के जून में वन रोगों और कीटों की उच्च घटनाओं की अवधि है। इसके दौरान वन डॉक्टर सब से व्यस्त होते हैं। वांग छुएहोंग पेड़ों को अपने बच्चों की तरह देखती हैं। अगर कोई पेड़ रोग से पीड़ित हो जाता है, तो उन्हें लगता है कि जैसे उनका खुद का बच्चा बीमार हो गया है। इसलिये वे पेड़ों के उपचार के लिये हर संभव कोशिश करती हैं। जब पेड़ स्वस्थ हो जाता है, तो उन्हें बहुत खुशी होती है।

हाल के कई वर्षों में चीन वानिकी पर बड़ा ध्यान देता है। वैज्ञानिक रूप से वानिकी का प्रबंध करने का स्तर भी निरंतर रूप से उन्नत हो रहा है। साथ ही, काम करने के उपकरण भी दिन-ब-दिन विकसित हो रहे हैं। हालांकि वांग छुएहोंग के प्रति कंप्यूटर के माध्यम से जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) सीखना बहुत मुश्किल है। लेकिन उन्होंने सभी कठिनाइयों को दूर करके बहुत मेहनत से नयी जानकारियां सीखीं। अब वे हर तरह के सॉफ्टवेयर चलाने में माहिर हैं। उनके अलावा वे अकसर स्थानीय तकनीकी कर्मचारियों को बुलाकर धैर्यपूर्वक वन रोगों और कीटों की रोकथाम और नियंत्रण के ज्ञान की व्याख्या करती हैं, और उन्हें नियंत्रण तकनीकों में महारत हासिल करने के लिए मौके पर ही निर्देशित करती हैं।

चंद्रिमा

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