अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान का संयुक्त बयान अवैध और अमान्य है
अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने "एक-चीन सिद्धांत" को चिह्नित करने के लिए एक संयुक्त बयान जारी किया, जिस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वनपिन ने 8 अगस्त को आयोजित प्रेस सम्मेलन में कहा कि कुछ देश एक-चीन सिद्धांत पर विभिन्न लेबल लगाते हैं और एक-चीन सिद्धांत को विकृत करने का प्रयास करते हैं। ऐसा व्यवहार अवैध और अमान्य है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है।
रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपक्षीय रणनीतिक वार्ता के बाद जारी संयुक्त बयान में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने दोहराया कि तीनों देशों की एक-चीन नीति और थाईवान पर उनके बुनियादी रुख में कोई बदलाव नहीं आया है। लेकिन उन्होंने एक-चीन नीति के बाद कोष्ठक में "सही परिस्थितियों में" रखा है।
वांग वनपिन ने कहा कि एक-चीन सिद्धांत अंतरराष्ट्रीय समुदाय की सार्वभौमिक सहमति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त बुनियादी मानदंड है। यह द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के अंतरराष्ट्रीय आदेश का एक अहम हिस्सा है और संयुक्त राष्ट्र महासभा संकल्प 2758 द्वारा इसकी पुष्टि की गई थी। यह चीन और संबंधित देशों के लिए राजनयिक संबंध स्थापित करने और विकसित करने का राजनीतिक आधार भी है।