चीनी विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय देशों, यूरोपीय संघ और जापान के राजनयिक दूतों को तलब किया

2022-08-05 15:55:42

चीनी उप विदेश मंत्री तेंग ली ने 4 अगस्त को आदेश के अनुसार चीन में स्थित संबंधित यूरोपीय देशों और यूरोपीय संघ के राजनयिक दूतों और जापानी राजदूत तारुमी हिदेओ को तलब करते हुए जी7 के विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि द्वारा दिये गये थाईवान संबंधी बयान पर एतराज जताया।

प्रासंगिक यूरोपीय देशों और यूरोपीय संघ के दूतों को तलब करने के दौरान, तेंग ली ने कहा कि जी7 के विदेश मंत्रियों और यूरोपीय संघ के विदेश मामलों और सुरक्षा नीति के उच्च प्रतिनिधि ने 3 अगस्त को थाईवान संबंधी नकारात्मक बयान जारी किया। तथ्यों का तोड़-मरोड़ कर पेश करने और सही-गलत को भ्रमित करने वाला यह व्यवहार पूरी तरह से चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, और यह चीन के प्रति एक राजनीतिक उत्तेजना है। इस बयान ने "थाईवान स्वतंत्रता" अलगाववादी ताकतों को गलत संकेत भेजा है। उसकी अत्यंत खराब प्रकृति है। चीन ने इसका कड़ा विरोध करते हुए गंभीरता से यह मामला उठाया है।

तेंग ली ने कहा कि एक-चीन सिद्धांत सार्वभौमिक रूप से मान्यता प्राप्त अंतरराष्ट्रीय संबंधों का बुनियादी मानदंड और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आम सहमति है। पेलोसी की थाईवान यात्रा एक ज़बरदस्त राजनीतिक हेरफेर है और चीन की संप्रभुता और प्रादेशिक अखंडता का गंभीर उल्लंघन है। अमेरिका व थाईवान की मिलीभगत और उकसावे के प्रति चीन का जवाब न्यायोचित है। यूरोपीय पक्ष ने चीन को विभाजित करने के लिए उकसाने, थाईवान जलडमरूमध्य में तनाव बढ़ाने और "थाईवान से चीन को नियंत्रित करने" के लिए अमेरिका की निंदा करने के बजाए अपने बयान में यह झूठा दावा भी किया कि वह उचित समय में "एक-चीन का पालन करेगा"। यह एक-चीन सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है और द्विपक्षीय संबंधों की राजनीतिक नींव को गंभीरता से प्रभावित करेगा।

वहीं, जापानी राजदूत तारुमी हिदेओ को तलब करते हुए तेंग ली ने कहा कि जापान ने जी7 देशों और यूरोपीय संघ के साथ मिलकर एक संयुक्त बयान जारी किया है, जो चीन पर अनुचित रूप से आरोप लगाता है, सही और गलत को भ्रमित करता है, चीन की संप्रभुता के अमेरिकी उल्लंघन के लिए आवाज उठाता है, जो अंतरराष्ट्रीय संबंधों के बुनियादी मानदंडों और चीन व जापान के बीच चार राजनीतिक दस्तावेजों के सिद्धांतों का गंभीरता से उल्लंघन है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को गलत संकेत भेजा गया है और बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। चीन इसका कड़ा विरोध करता है और कड़ी निंदा भी करता है।

तेंग ली ने जोर देते हुए कहा कि थाईवान का मुद्दा चीन-जापान संबंधों की राजनीतिक नींव है। जापान ने लंबे समय तक थाईवान को गुलाम बनाये रखा और थाईवान मुद्दे पर जापान का गंभीर ऐतिहासिक अपराध रहा है। अतः उसे कथनी-करनी में अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। चीन जापान से चीन और जापान के बीच चार राजनीतिक दस्तावेजों के सिद्धांतों और थाईवान मुद्दे पर अपनी राजनीतिक प्रतिबद्धताओं का पालन करने, चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करने, थाईवान से संबंधित मुद्दों को विवेकपूर्ण और उचित तरीके से संभालने और गलत रास्ते पर आगे न चलने का आग्रह करता है।

(मीनू)

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