तिब्बती हाई स्पीड ट्रेन चालक स्लांग वांगज़ा की आशा:मेरी माँ ट्रेन से तिब्बत की यात्रा कर सकेंगी

2022-07-27 11:05:25


35 वर्षीय स्लांग वांगज़ा तिब्बती हाई-स्पीड ट्रेन का एक चालक है। जून 2021 में तिब्बत का पहला विद्युतीकृत रेलवे आधिकारिक तौर पर संचालन के लिए खोला गया। वह ल्हासा से निंगची रेलवे तक चलने वाली ट्रेन का चालक है।

तिब्बत पठार पर स्थित है। अतीत में वह चीन में एकमात्र प्रांतीय स्तर का प्रशासनिक क्षेत्र था, जहां पहाड़ों और नदियों की बाधाओं के कारण रेलवे नहीं था। स्लांग वांगज़ा का जन्म तिब्बत के छांगतु शहर के एक गांव में हुआ था और उनके माता-पिता किसान और चरवाहे थे। गांव में सीखने के माध्यम से पहाड़ों से बाहर निकलने वाले पहले बच्चे के रूप में उन्हें 16 साल की उम्र में लानचो रेलवे मशीनरी स्कूल में भर्ती कराया गया।

2006 में छिंगहाई-तिब्बत रेलवे की पूरी लाइन खुली, जिससे तिब्बत में ट्रेनों की सेवा नहीं होने के इतिहास को समाप्त किया गया। दूसरे वर्ष में स्लांग वांगज़ा ने स्कूल से स्नातक होकर छिंगहाई-तिब्बत रेलवे में ट्रेन चलाना सीखा। 2014 में ल्हासा से शिकाज़े रेलवे खोला गया। इसी साल वह ल्हासा और शिकाज़े के बीच डीजल लोकोमोटिव चलाने लगा। 2021 में ल्हासा से निंगची रेलवे खोला गया, जिसकी डिजाइन गति 160 किलोमीटर प्रति घंटा है। इससे दोनों शहरों के बीच एकतरफा यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर 3 घंटे तक जा पहुंचा।

पिछले 16 वर्षों में एक शिक्षार्थी से एक सह-चालक तक, फिर एक चालक तक स्लांग वांगज़ा पहले के डीजल लोकोमोटिव से चीन द्वारा स्वतंत्र रूप से विकसित हाई-स्पीड ट्रेन तक चलाता है। पिछले दस वर्षों में, तिब्बत के परिवहन निर्माण ने तेज विकास हासिल किया है। रेलवे ऑपरेशन का माइलेज लगभग 1400 किलोमीटर है।

स्लांग वांगज़ा की बुजुर्ग मां ने कभी ट्रेन नहीं ले ली। योजना के अनुसार भविष्य में सछ्वान से तिब्बत रेलवे स्लांग वांगज़ा के गृहनगर छांगतु से गुजरेगा। स्लांग वांगज़ा ने कहा कि सछ्वान-तिब्बत लाइन खुलने के बाद आशा है कि मेरी मां ट्रेन से तिब्बत की यात्रा कर सकेंगी, ताकि आधुनिक रेलवे द्वारा लाई गई यात्रा सुविधा का अनुभव कर सकें।

(मीनू)

रेडियो प्रोग्राम