सीमांत क्षेत्र की सुरक्षा करना महान बात हैः 11वें पंचेन

2022-07-26 16:13:39

चीनी राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति के स्थाई सदस्य ,चीनी बौद्ध धर्म संघ के उपाध्यक्ष और चीनी बौद्ध धर्म संघ की तिब्बत शाखा के अध्यक्ष पंचेन ने हाल ही में तिब्बत के शान नान प्रिफेक्चर स्थित एक सीमांत कस्बे यु माई का दौरा किया ।उन्होंने विशेष तौर पर युग के रोल मॉडल की उपाधि प्राप्त करने वाली द्रोलकार और यांगजोम बहनों को देखा ।11वें पंचेन ने दोनों बहनों को बताया कि सीमांत क्षेत्र की सुरक्षा करना महान बात है ।

 

यु माई सीमांत क्षेत्र में एक सुदूर कस्बा है ।पिछले 60 के दशक से एक लंबे अरसे से कई हजार वर्ग किलोमीटर की भूमि में सिर्फ सांगयेछ्युपा और उनकी दो बेटियां द्रोलकार और योंगजोम चरवाहे का काम करते थे और वहां की सुरक्षा करते थे ।

 

11वें पंचेन ने दोनों बहनों का हालचाल पूछा ।दोनों ने जवाब दिया कि वे बहुत अच्छी हैं ।“यहां की हवा अच्छी है ,पर सर्दी में शायद काफी ठंड होती है” ।पंचेन ने उनसे सर्दी में जीवन की स्थिति के बारे में सवाल पूछा ।द्रोलकार औऱ यांगजोम ने बताया कि ठंड के दिनों में यु माई में अकसर बर्फ पड़ती है और बहुत सर्दी होती है ।वे मुख्य तौर पर भट्ठी जलाने और बिजली पर निर्भर रहते हैं ।

 

परिचय के अनुसार वर्ष 2019 में यु माई में डामर मार्ग निर्मित हुआ और सर्दियों के दिनों में भी काम करता है ।अब वहां 67 परिवारों के 240 लोग रहते हैं । प्रति व्यक्ति सालाना आय 38 हजार युआन ( लगभग 3 लाख 80 हजार रूपये के बराबर) है। 5 जी दूरसंचार सिग्नल उपलब्ध हैं और वहां का बिजली ग्रिड राष्ट्रीय बिजली ग्रिड नेटवर्क से जुड़ा है ।

वहां के परिवर्तन और विकास की स्थिति जानकर पंचेन ने बताया कि यह सचमुच कायापलट है ।द्रोलकार और यांगजोम ने पंचेन को बताया कि हम सौभाग्यशाली हैं ।पहले यु माई में सिर्फ पिता जी और हम दोनों थे ।अब विभिन्न पक्षों का बहुत अच्छा विकास हुआ ।इसका श्रेय देश की अच्छी नीति और ख्याल को जाता है ।

पंचेन ने दोनों बहनों को बताया कि यु माई में आप लोग जो सीमांत क्षेत्र की सुरक्षा करते हैं ,वह एक बहुत कठोर काम है और गौरवपूर्ण भी है ,जिसे देश बहुत महत्व देता है ।मैं भी आप लोगों के सुख ,स्वस्थ और दीर्घायु की कामना करता हूं ।

 

ध्यान रहे कि पंचेन अर्दनी चोस्क्यी ग्यालपो का जन्म 13 फरवरी 1990 को तिब्बत के नाछ्यू शहर की च्या ली काउंटी में हुआ ।29 नवंबर 1995 को परंपरागत स्वर्ण कलश व्यवस्था के जरिए केंद्रीय सरकार ने उनका 10वें पंचेन का बाल अवतार  होने की पुष्टि की ।वे 11वें पंचेन अर्दनी बन गये ।(वेइतुंग)

  

रेडियो प्रोग्राम