"आतंकवाद का मुकाबला करने की तुलना में चीन को लक्षित करना अधिक महत्वपूर्ण है":ब्रिटिश खुफिया प्रमुख

2022-07-26 10:41:23

हाल ही में, ब्रिटिश सैन्य खुफिया एजेंसी (एमआई 6) के निदेशक रिचर्ड मूर ने एक साक्षात्कार में कहा कि चीन अब एमआई 6 का शीर्ष खुफिया कार्य बन गया है, और उसका महत्व "आतंकवाद के मुकाबले से अधिक" है। उन्होंने रूस-यूक्रेन संघर्ष के जरिए थाइवान जलडमरूमध्य मुद्दे को ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया है।

उन्होंने आगे कहा कि पश्चिम को चीन को संकेत भेजना चाहिए कि "थाइवान को बल से एकीकृत करने के गंभीर परिणाम होंगे"। उनका यह बयान हैरान करने वाला है।

विदेशी मीडिया के अनुसार, यह पहली बार है जब मूर ने विदेश में किसी मीडिया को इंटरव्यू दिया है। इसे ध्यान में रखते हुए यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ब्रिटिश खुफिया प्रमुख की अंतरराष्ट्रीय मंच पर "अपनी आवाज उठाने" की बड़ी उत्सुकता है। वास्तव में, सभी ब्रिटिश लोग जानते हैं कि उनके देश का यह खुफिया प्रमुख बहुत लोकप्रिय होना चाहता है। लेकिन यह निश्चित है कि बकवास से लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव है। मूर के मुंह में तथाकथित "चीनी खतरा" वास्तव में दुर्भावनापूर्ण मानहानि है, जो तथ्यों के सामने बहुत आसानी से तोड़ा जा सकता है।

मई में चीनी राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार चीनी सेना ने पिछले 30 वर्षों में 25 संयुक्त राष्ट्र शांति अभियानों में भाग लिया, लगभग 50 हजार अधिकारियों और सैनिकों को भेजा है और 16 अधिकारियों और सैनिकों ने अपने कीमती प्राणों की आहुति दी है। इस साल मई के अंत तक, 2240 चीनी अधिकारी और सैनिक अभी भी 7 शांति मिशन क्षेत्रों और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहे हैं। चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों में सबसे अधिक सैनिकों को भेजने वाला देश है। चीनी सैनिकों को कई बार संयुक्त राष्ट्र पदक से सम्मानित किया गया और उन्हें "शांति अभियानों में महत्वपूर्ण कारक और महत्वपूर्ण बल कहा जाता है। दूसरी ओर, ब्रिटेन को देखें तो पिछले कई वर्षों में उसने अपने दोस्त अमेरिका के साथ हर जगह संघर्ष की आग में घी डालने का काम करता रहा है। वह मनमाने ढंग से अन्य देशों में घुसपैठ करता है, आक्रमण करता और अंतरराष्ट्रीय टकराव पैदा करता है, जिससे कई देशों और क्षेत्रों में अराजकता और संकट उत्पन्न हुए हैं और वह विश्व शांति के लिए एक वास्तविक खतरा है।

उधर, इस ब्रिटिश खुफिया प्रमुख और उसके अमेरिकी सहयोगियों ने ध्यान आकर्षित करने के लिए थाइवान जलडमरूमध्य मुद्दे को ज्यादा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया, जो आग से खेलना की ही तरह है। थाइवान चीन का एक अभिन्न हिस्सा है। मातृभूमि का पूर्ण एकीकरण ऐतिहासिक प्रवृत्ति है, जिसे कोई नहीं रोक सकता। चीन पूरी ईमानदारी और प्रयासों के साथ थाइवान जलडमरूमध्य के दोनों तटों की शांतिपूर्ण एकीकरण करने का हरसंभव प्रयास करेगा,और साथ ही राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और प्रादेशिक अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगा। रिचर्ड मूर आदि को सलाह है कि थाइवान मुद्दे का उपयोग न करें, नहीं तो खुद आग में जल जाएगा। (मीनू)

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