पारिस्थितिक संसाधन की रक्षा करें ताकि पृथ्वी ओवरशूट दिन देर में आए

2022-07-26 16:49:10

वर्ष 2022 में पृथ्वी ओवरशूट डे 28 जुलाई को होगा। मतलब है कि इस दिन से पृथ्वी साल में पारिस्थितिक घाटे की स्थिति में प्रवेश होगी। मानव ने इस वर्ष ग्रह के सभी अक्षय प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया है।

पृथ्वी ओवरशूट डे वर्ष 2012 में निर्धारित किया गया, जो अमेरिकी पर्यावरण संरक्षण संगठन वैश्विक पदचिह्न नेटवर्क और ब्रिटिश थिंक टैंक नव अर्थशास्त्र फाउंडेशन ने पेश किया। इसका उद्देश्य पारिस्थितिक ओवर-रन पर लोगों की समझ उन्नत करना और अनवरत कदम उठाना है। वैश्विक पदचिह्न नेटवर्क के अनुसार लगभग वर्ष 1970 से प्रकृति पर लोगों की मांग पृथ्वी की पारिस्थितिकी के क्रिटिकल बिंदु को पार करना शुरू हुई। पिछले दशकों के रुझान से जाहिर है कि करीब हर 10 साल के बाद पृथ्वी ओवरशूट डे एक महीने पहले आएगा।

पृथ्वी ओवरशूट डे के जल्दी आने का मतलब है कि लोगों ने समय से पहले भविष्य को ओवरड्रा किया। वर्तमान स्थिति के अनुसार अगर मनुष्य निरंतर विकास करना चाहते हैं, तो हर साल कम से कम 1.75 पृथ्वी के संसाधनों की जरूरत है। हमारे क्रेडिट कार्ड की तरह ओवरड्रा करने के साथ उच्च ब्याज का भुगतान करना होता है। पृथ्वी के लिए यह ब्याज पर्यावरण और पारिस्थितिकी का विनाश है।

50 से अधिक सालों के वैश्विक पारिस्थितिक अधिभार के कारण दुनिया में सूखे और खाद्य असुरक्षा में वृद्धि हुई। असामान्य तापमान से स्थिति और जटिल बनी। हाल में दुनिया के कई देश भीषण गर्मी से ग्रस्त हुए। इससे जैविक आवास बड़े पैमाने पर विनाश हुआ। पारिस्थितिकी असंतुलित हो रही है और ग्लेशियर गायब होने लगे हैं। यह गंभीर पारिस्थितिक चेतावनी है।

पारिस्थितिक ओवरशूट से जंगल कम हो रहे हैं, मत्स्य संसाधन कमजोर हो रहा है, भूमि का ह्रास हो रहा है, मीठे पानी के संसाधन कम हो रहे हैं और जैव विविधता वंचित हो रही है। इसलिए अक्षय स्वच्छ ऊर्जा का प्रचार प्राथमिकता है। सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्वच्छ और प्रचुर अक्षय संसाधनों के प्रयोग से प्रदूषण कम होगा और पृथ्वी पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव भी कम होगा।

(ललिता)

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