वीर महाकाव्य“मानस”का रहस्य

2022-07-15 15:29:00

हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने शिनच्यांग उइगुर स्वायत्त प्रदेश के संग्रहालय का दौरा किया। वहां उन्होंने किर्गिज़ वीर महाकाव्य "मानस" के रैप शो को देखा और "मानस" गैर-भौतिक सांस्कृतिक विरासत के उत्तराधिकारियों के साथ बातचीत भी की।

गौरतलब है कि“मानस”किर्गिज़ राष्ट्र का एक वीर महाकाव्य है। किर्गिज़ चीन के सबसे पुराने जातीय समूहों में से एक हैं, जो मुख्य रूप से उत्तर पश्चिमी चीन के शिनच्यांग स्वायत्त प्रदेश में रहते हैं।“मानस”का उद्गम सबसे पहले 9वीं से 10वीं शताब्दी ई. में हुआ। बाद में इसके प्रसार-प्रचार के दौरान पीढ़ी दर पीढ़ी के किर्गिज़ प्रतिभाशाली गायकों ने इसे सुधार व संसाधित किया है, जिसमें पूरी किर्गिज़ राष्ट्र की बुद्धि शामिल हुई है। किंवदंती के अनुसार, "मानस" की रचना कवि से नहीं, बल्कि ईश्वर से हुई थी। मानस गाने वाला गायक अक्सर एक सपने से जागता था और अचानक महाकाव्य की एक लाख पंक्तियों को सुनाने की क्षमता प्राप्त कर लेता था।

मानस किर्गिज़ किंवदंतियों में एक प्रसिद्ध नायक और नेता हैं, जो ताकत, बहादुरी और ज्ञान के अवतार हैं। महाकाव्य मानस परिवार की आठ पीढ़ियों की कहानी बताता है, जिन्होंने किर्गिज़ लोगों को विदेशी शासकों की लूट और दासता का विरोध करने के लिए नेतृत्व किया, और स्वतंत्रता और खुशी के लिए संघर्ष किया। महाकाव्य को आठ भागों में विभाजित किया गया है, और मानस का नाम पूरे महाकाव्य का सामान्य नाम है, और अन्य भागों का नाम महाकाव्य के नायक के नाम पर रखा गया है। संपूर्ण महाकाव्य 2.3 लाख पंक्तियों से अधिक लंबा है, जिसमें कुल 2 करोड़ शब्द शामिल हुए हैं।

चंद्रिमा

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