शानडोंग और तिब्बत के बीच हवाई गलियारा जल्द खुलेगा

2022-07-15 16:12:13

चीन के शांनडोंग प्रांत के जिनान शहर और तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के ल्हासा के बीच हवाई मार्ग 18 जुलाई को खुल जाएगा। इस हवाई मार्ग के खुलने से शानडोंग और तिब्बत के बीच एक हवाई पुल स्थापित होगा और दोनों स्थानों के बीच की दूरी कम हो जाएगी। इससे शानडोंग और तिब्बत दोनों स्थानों के बीच अर्थव्यवस्था, संस्कृति और प्रौद्योगिकी के गहन आदान-प्रदान को बढ़ाने, पर्यटकों के लिए यात्रा को सुविधाजनक बनाने, विभिन्न जातियों की एकता को बढ़ाने, दोनों स्थानों के उच्च गुणवत्ता वाला विकास की मदद करने के लिये एक सक्रिय भूमिका को निभाया जाएगा।

हजारों वर्षों से जमीनी परिवहन किंघई-तिब्बत पठार के अंदर और बाहर वाले परिवहन का एकमात्र तरीका था। वर्ष 1965 मार्च की शुरुआत में पेचिंग-छेंगदू-ल्हासा हवाई मार्ग के आधिकारिक रूप से खुलने के साथ-साथ तिब्बत में सभी जातियों के लोगों के हवाई विमानन सपने को साकार किया गया।

तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र एक विशाल क्षेत्र है। पिछले 50 से अधिक वर्षों से "सनशाइन सिटी" नामक ल्हासा, "बर्फ से ढके जियांगन" नामक न्यिंगची, "दुनिया की छत की छत" नामक अली, "पूर्वी तिब्बत के मोती" नामक कम्दो, "पठार का अन्न भंडार" नामक शिगात्से आदि पाँचों शहरों में एक हवाई अड्डा क्रमशः स्थापित हुआ है। इन पांच ऊंचे पठारी हवाई अड्डों से दुनिया को जोड़ने वाले "हवाई पुल" स्थापित हुए हैं। सुबह में ल्हासा के पोटाला पैलेस में सूर्योदय देखना और उसी दोपहर में छेंगदू में हॉटपॉट खाना एक वास्तविकता बन गई है।

अभी तिब्बत में, विशेष रूप से अली क्षेत्र में, विमानन परिवहन महत्वपूर्ण साधनों में से एक बना है। पहले लंबी दूरी के कारण जब अली में रहने वाले लोग अचानक गंभीर रूप से बीमार हो गए और स्थानीय रूप से इलाज नहीं किया जा सका, तो उनके लिये समय पर इलाज के लिए बेहतर अस्पतालों में भेजा जाना काफी मुश्किल था। अली कुन्शा हवाई अड्डे की स्थापना से इस स्थिति को बदल दिया है। अली से ल्हासा तक गाड़ी चलाने में 20 घंटे से अधिक समय लगता है, जबकि विमान के जरिए केवल 2 घंटे की जरूरत होती है। पिछले कुछ वर्षों में अली कुन्शा हवाई अड्डे ने 50 से अधिक गंभीर रूप से बीमार रोगियों को समय पर बंदरगाह छोड़ने के लिए सुनिश्चित किया है और जीवन बचाने के लिए कीमती समय खरीदा है।

सुंदर दृश्यों के साथ तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के न्यिंगची शहर की औसत ऊंचाई 3000 मीटर है। हरी नियांग नदी, नीला आकाश व सफेद बादल, बर्फ से ढके पहाड़ और ग्लेशियर एक दूसरे के पूरक हैं, जो अनगिनत पर्यटकों को न्यिंगची की यात्रा के लिये आकर्षित हैं। न्यिंगची में आड़ू का फूल उत्सव एक अपरिहार्य सांस्कृतिक पर्यटन महोत्सव है। न्यिंगची मिलिन हवाई अड्डा तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। "13वीं पंचवर्षीय परियोजना" अवधि के दौरान न्यिंगची शहर में पर्यटकों की संचयी संख्या 3.2 करोड से अधिक तक जा पहुंची, जबकि पर्यटन आय 2.4 अरब युआन से अधिक हो गई।

आंकडों के मुताबिक, "13वीं पंचवर्षीय परियोजना" के दौरान तिब्बत में नये नागरिक हवाई मार्ग की कुल संख्या 67 हो गई, जबकि तिब्बत से नये नौगम्य शहरों की संख्या 21 हो गई। इन पाँच साल में खुले नए हवाई मार्गों की संख्या पिछले 50 वर्षों के योग से अधिक थी, जबकि प्रवाह वाले पर्यटकों की संचयी संख्या 2.48 करोड से अधिक थी, जो "12वीं पंचवर्षीय परियोजना" की अवधि की तुलना में 83 प्रतिशत की वृद्धि थी।

यात्रा के अलावा जब तिब्बत में अधिक से अधिक हवाई मार्ग खोले गए हैं, तो हवाई कार्गो तिब्बत के लाभकारी संसाधनों के विकास के लिए एक कुशल निकास चैनल प्रदान करता है और तिब्बत के विशेष उत्पादों को "बाहर जाने" में मदद करता है। साथ ही चिकित्सा आपूर्ति, सब्जियां, फल और समुद्री भोजन आदि सामान भी चीन के अन्य प्रांतों से तिब्बती बाजार में तेजी से प्रवेश कर सकते हैं।

योजना के अनुसार भविष्य में तिब्बत में 6 अन्य हवाई अड्डों को स्थापित किया जाएगा। नये हवाई अड्डों की स्थापना तिब्बत में व्यापक परिवहन प्रणाली पूरा करने, सीमावर्ती क्षेत्रों में बाहरी परिवहन की स्थिति में सुधार करने, स्थानीय लोगों की परिवहन आवश्यकताओं को पूरा करने, स्थानीय आपातकालीन बचाव क्षमताओं को मजबूत करने और क्षेत्रीय आर्थिक व सामाजिक विकास को बढ़ाने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है।

तिब्बत में हवाई मार्गों के नेटवर्क लेआउट को सुधार किया जारी रखता और विभिन्न हवाई अड्डों की सुविधाओं और उपकरणों को निरंतर अद्यतन किया जाता है। साथ ही इन हवाई अड्डों में स्व-सेवा चेक-इन प्रणाली, कागज रहित सीमा शुल्क निकासी प्रणाली और अस्थायी उड़ान प्रमाणपत्रों का वन-स्टॉप प्रसंस्करण आदि बुद्धिमान टर्मिनलों के उपयोग के साथ लोग तिब्बत और चीन के अन्य क्षेत्रों के बीच "हवाई गलियारों" के माध्यम से अधिक निकटता से जुड़े हुए हैं। इसके अलावा अधिक से अधिक "हवाई बसों" के कारण हज़ारों किलोमीटर की दूरी वाले विभिन्न शहर "आपसी निकट पड़ोसी" की तरह बने हैं।    (हैया)

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