संरक्षण में ग्रहण और सृजन में विकास के आधार पर तिब्बत की संस्कृति और परंपरा का विकास करें

2022-07-12 09:13:05

चीन के तिब्बत में सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के साथ प्राचीन संस्कृति भी मौजूद है। स्थापना के बाद पिछले 57 सालों में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में पारंपरिक संस्कृति का बड़ा विकास हुआ। अब तक तिब्बत में 2,800 से अधिक गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासतें हैं। महाकाव्य "गेसार", तिब्बती ओपेरा और तिब्बती औषधि स्नान विधि संयुक्त राष्ट्र संघ की गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासत के प्रतिनिधि कार्य की सूची में शामिल हुए।

वर्ष 2011 में तत्कालीन चीनी उप राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने तिब्बत संग्रहालय के दौरे के दौरान देखा कि तिब्बती ओपेरा और महाकाव्य "गेसार" संयुक्त राष्ट्र संघ की गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासत के प्रतिनिधि कार्य की सूची में शामिल हुए। उन्होंने तिब्बत में उत्कृष्ट पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण और विकास के कार्य की प्रशंसा की। इसके बाद राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने साहित्यिक और कला कार्य संगोष्ठी में और निरीक्षण के दौरान कई बार महाकावय "गेसार" की चर्चा की और परंपरागत संस्कृति के संरक्षण के महत्व पर जोर दिया। जुलाई 2019 में शी चिनफिंग ने "गेसार" के उत्तराधिकारियों के साथ बातचीत में कहा कि अल्पसंख्यक जातीय संस्कृति के संरक्षण और विकास पर ध्यान देना चाहिए और महाकावय "गेसार" समेत गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासत का समर्थन करने के साथ उत्तराधिकारी तैयार करना चाहिए।

तिब्बत के पारंपरिक संस्कृति के संरक्षण और विकास पर शी चिनफिंग हमेशा ध्यान देते हैं। तिब्बत के शांतिपूर्ण मुक्ति की 60वीं वर्षगांठ मनाने के समारोह में शी चिनफिंग ने कहा कि संरक्षण में ग्रहण और सृजन में विकास के आधार पर तिब्बत की वरिष्ठ संस्कृति और परंपरा का विकास करना चाहिए, ताकि तिब्बत में सांस्कृतिक कार्य को बढ़ाया जाए।

हाल के वर्षों में तिब्बत के पारंपरिक संस्कृति के विकास में बड़ी प्रगति हुई। बताया जाता है कि पिछले साल तिब्बत में राष्ट्रीय गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासतों की संख्या में 17 की बढ़ोतरी हुई। स्वायत्त प्रदेश स्तरीय सांस्कृतिक पारिस्थितिक संरक्षण क्षेत्रों का निर्माण शुरू हुआ। विश्व सांस्कृतिक विरासत पोताला महल में प्राचीन पुस्तकों के संरक्षण व प्रयोग का काम सुचारू रूप से बढ़ रहा है और सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण में सुधार हो रहा है। तिब्बत में 121 गैरभौतिक सांस्कृतिक विरासत कार्यशालाओं ने 3 हज़ार लोगों को रोजगार दिया और प्रति व्यक्ति मासिक आय 3 हजार युआन से अधिक है। सांस्कृतिक कार्य से न सिर्फ लोगों की जानकारी, बल्कि आय में भी बढ़ोतरी हुई।

तिब्बत वासियों को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम देने के लिए पहला तिब्बती संस्कृति और कला महोत्सव 12 जुलाई को उद्घाटित हुआ, जो अगस्त के मध्य तक चलेगा। महोत्सव के दौरान तिब्बती ओपेरा, गायन, वाद्य संगीत, नाटक और नृत्य आदि का प्रदर्शन किया जाएगा। इसके साथ सांस्कृतिक रात्रि बाजार, लाइट शो और फ्लैश मोब आदि कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। इसका उद्देश्य यह है कि नागरिक सांस्कृतिक और कलात्मक विकास की उपलब्धियों का आनंद लें।

(ललिता)

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