हांगकांग सवाल पर अमेरिका और ब्रिटेन को मनमाने ढंग से आलोचना करने का हक नहीं है

2022-07-01 19:25:15

हाल में अमेरिका, ब्रिटेन आदि पश्चिमी देशों ने हांगकांग मुद्दे पर मनमाने ढंग से आलोचना की। इस पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिच्येन ने 1 जुलाई को एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इन देशों को एक समृद्ध, स्थिर और एकजुट हांगकांग के बारे में मनमाने ढंग से आलोचना करने का हक नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन जैसे गिने-चुने पश्चिमी देशों ने हांगकांग की वापसी की 25वीं वर्षगांठ की पूर्वबेला में वक्तव्य और बयान जारी कर कहा कि हांगकांग में लोकतंत्र और कानूनी प्रशासन को बर्बाद किया गया है। चीन ने एक देश दो व्यवस्थाएं के वचन का पालन नहीं किया।

चाओ लिच्येन ने कहा कि एक देश दो व्यवस्थाएं की नीति का हांगकांग में अच्छी तरह कार्यान्वयन किया गया है, जो देश और राष्ट्र के बुनियादी हितों, हांगकांग और मकाओ के बुनियादी हितों से मेल खाती है। इसे देश के 1.4 अरब से ज्यादा लोगों का बड़ा समर्थन किया गया है। चीन की केंद्र सरकार द्वारा इस नीति का लागू करने का रुख कभी नहीं बदलता है। चीन पश्चिमी देशों के उपरोक्त कार्रवाइयों का जबरदस्त विरोध करता है और निंदा भी करता है।

1 जुलाई को आयोजित इस संवाददाता सम्मेलन में चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिच्येन ने यह भी कहा कि अमेरिका को सचमुच झूठी खबरों का फैलाव करने की आदत है। रिपोर्ट है कि अमेरिकी प्रतिनिधि हाल में यूएन मानवाधिकार परिषद की 50वीं बैठक पर कहा कि सामाजिक स्थिरता को बर्बाद करने, भ्रम फैलाने और लोगों के विश्वास को हिलाने के लिए झूठी खबरों का प्रसार करना एक द्रुत, खतरनाक और सस्ता हथकंडा है। पहले अमेरिका ने 'वाशिंग पाउडर' की एक बोतल की झूठी खबर से 8 वर्षों से लम्बा इराकी युद्ध छेड़ा, जिससे 2 लाख से ज्यादा आम इराकी लोगों की मौत हो गयी। अमेरिका के नेतृत्व में नाटो की बमबारी से दसों प्रेस कार्यकर्ताओं और आम लोगों की हताहती हुई। जो सच्ची बात है, तो झूठ नहीं बन सकेगी, जो झूठ है तो भी सच में नहीं बदल सकेगी। चाहे अमेरिका कितना भी ढोंग करे, तो भी सुपरहीरो नहीं बन सकता। ज्यादा से ज्यादा लोग अमेरिकी का सच्चा चेहरा जरूर देख सकते हैं।

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