हांगकांग के चीन में वापस लौटने का रास्ता

2022-06-30 22:21:34

इस वर्ष हांगकांग के चीन में वापस लौटने की 25वीं वर्षगांठ है। हांगकांग पुरातन समय से ही चीन की भूमि का एक हिस्सा रहा है। 19वीं शताब्दी में ब्रिटेन ने दो बार चीन पर आक्रमण किया। चीन में छिंग राजवंश की सरकार ने विवश होकर ब्रिटेन के साथ “नानचिंग संधि” और “पेइचिंग संधि” पर हस्ताक्षर किये, जिससे हांगकांग द्वीप और ज्योलुंग क्षेत्र ब्रिटेन के उपनिवेश बन गये। वर्ष 1898 में ब्रिटिश सरकार ने छिंग राजवंश की सरकार के साथ "हांगकांग की सीमाओं के विस्तार पर विशेष प्रावधान" पर हस्ताक्षर किये, और 99 साल के लिए "शिनच्ये" क्षेत्र को जबरन पट्टे पर लिया। इस प्रकार पूरे हांगकांग क्षेत्र पर कब्जा कर लिया।

वर्ष 1949 में नये चीन की स्थापना के बाद हांगकांग मामले पर चीन सरकार का बुनियादी रुख रहा है कि साम्राज्यवाद द्वारा थोपी गई तीन असमान संधियों को मान्यता न देते हुए, इस ऐतिहासिक विरासत को शांतिपूर्वक बातचीत के माध्यम से हल किया जाएगा। जब स्थितियाँ और समय परिपक्व होंगे, और यथास्थिति को तब तक बनाए रखा जाएगा जब तक कि इसका समाधान नहीं हो जाता।

20वीं शताब्दी के 80वें दशक के आरंभ में देश के शांतिपूर्ण पुनर्मिलन का एहसास करने के लिए, तत्कालीन चीनी नेता तंग श्याओपिंग ने रचनात्मक रूप से "एक देश, दो व्यवस्थाएं" की वैज्ञानिक अवधारणा का प्रस्ताव रखा, जिसका उपयोग पहली बार हांगकांग के मुद्दे को हल करने में किया गया।

चंद्रिमा

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