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खेल के प्यार में पड़ना
खेल के प्यार में पड़ना
23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। 128 साल पहले उसी दिन पेरिस में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आधिकारिक तौर पर स्थापित हुई।"आधुनिक ओलंपिक के जनक" बैरन पियरे डी कौबर्टिन ने "जनता के लिए सभी खेल" का नारा दिया था। उन्होंने सामूहिक खेलों को ओलंपिक खेलों की नींव के रूप में माना था। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस की स्थापना न केवल संबंधित बात मनाने के लिए है, बल्कि लिंग, आयु या कौशल स्तर की परवाह किए बिना दुनिया के सभी लोगों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी है।
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23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। 128 साल पहले उसी दिन पेरिस में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आधिकारिक तौर पर स्थापित हुई।"आधुनिक ओलंपिक के जनक" बैरन पियरे डी कौबर्टिन ने "जनता के लिए सभी खेल" का नारा दिया था। उन्होंने सामूहिक खेलों को ओलंपिक खेलों की नींव के रूप में माना था। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस की स्थापना न केवल संबंधित बात मनाने के लिए है, बल्कि लिंग, आयु या कौशल स्तर की परवाह किए बिना दुनिया के सभी लोगों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी है।
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23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। 128 साल पहले उसी दिन पेरिस में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आधिकारिक तौर पर स्थापित हुई।"आधुनिक ओलंपिक के जनक" बैरन पियरे डी कौबर्टिन ने "जनता के लिए सभी खेल" का नारा दिया था। उन्होंने सामूहिक खेलों को ओलंपिक खेलों की नींव के रूप में माना था। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस की स्थापना न केवल संबंधित बात मनाने के लिए है, बल्कि लिंग, आयु या कौशल स्तर की परवाह किए बिना दुनिया के सभी लोगों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी है।
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23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। 128 साल पहले उसी दिन पेरिस में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आधिकारिक तौर पर स्थापित हुई।"आधुनिक ओलंपिक के जनक" बैरन पियरे डी कौबर्टिन ने "जनता के लिए सभी खेल" का नारा दिया था। उन्होंने सामूहिक खेलों को ओलंपिक खेलों की नींव के रूप में माना था। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस की स्थापना न केवल संबंधित बात मनाने के लिए है, बल्कि लिंग, आयु या कौशल स्तर की परवाह किए बिना दुनिया के सभी लोगों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी है।
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23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। 128 साल पहले उसी दिन पेरिस में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आधिकारिक तौर पर स्थापित हुई।"आधुनिक ओलंपिक के जनक" बैरन पियरे डी कौबर्टिन ने "जनता के लिए सभी खेल" का नारा दिया था। उन्होंने सामूहिक खेलों को ओलंपिक खेलों की नींव के रूप में माना था। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस की स्थापना न केवल संबंधित बात मनाने के लिए है, बल्कि लिंग, आयु या कौशल स्तर की परवाह किए बिना दुनिया के सभी लोगों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी है।
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23 जून को अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। 128 साल पहले उसी दिन पेरिस में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आधिकारिक तौर पर स्थापित हुई।"आधुनिक ओलंपिक के जनक" बैरन पियरे डी कौबर्टिन ने "जनता के लिए सभी खेल" का नारा दिया था। उन्होंने सामूहिक खेलों को ओलंपिक खेलों की नींव के रूप में माना था। अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक दिवस की स्थापना न केवल संबंधित बात मनाने के लिए है, बल्कि लिंग, आयु या कौशल स्तर की परवाह किए बिना दुनिया के सभी लोगों को खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए भी है।
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