ब्रिक्स के बारे में चीनी विशेषज्ञ हू शिशेंग की चर्चा

2022-06-23 14:37:31

हाल ही में चीनी आधुनिक अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के अनुसंधान प्रतिष्ठान के अधीन दक्षिण एशिया संस्थान के निदेशक हू शिशेंग ने सीएमजी को दिए एक विशेष इन्टरव्यू में कहा कि कोविड-19 महामारी पैदा होने के बाद ब्रिक्स देशों ने एक दूसरे की सहायता की, और महामारी की रोकथाम व नियंत्रण, निदान व उपचार, टीके व दवा के अनुसंधान व उत्पादन आदि पक्षों में व्यापक सहयोग किये हैं। वित्तीय सहायता प्रदान करने, सामग्री दान करने, स्थानीय उत्पादन और वैक्सीन निर्यात को बढ़ावा देने आदि तरीकों से ब्रिक्स देश दुनिया भर के विभिन्न देशों को महामारी के खिलाफ समर्थन देने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

हू शिशेंग के अनुसार ब्रिक्स देशों को पाँच पक्षों में अपनी भूमिका अदा करनी चाहिये। पहला, चीन व भारत को जल्द ही द्विपक्षीय संबंधों की असामान्य स्थिति से निकलना चाहिये। दूसरा, ब्रिक्स देशों के बीच नये मॉडल ढूंढ़कर आंतरिक सामंजस्य में लगातार सुधार और व्यावहारिक कार्रवाई में वृद्धि करनी चाहिये। तीसरा, “ब्रिक्स+” सहयोग के निरंतर विकास को बढ़ावा देना चाहिये। चौथा, “ब्रिक्स स्मार्ट विनिर्माण” को बढ़ाकर ब्रिक्स सहयोग व्यवस्था में विज्ञान व तकनीक के सृजन का स्थान उन्नत करना चाहिये। पांचवां, ब्रिक्स देशों को साहस के साथ वैश्विक शासन का नया नेता बनना चाहिये।

हू शिशेंग के अनुसार ब्रिक्स सहयोग तंत्र ने इस पैटर्न को तोड़ दिया है कि विश्व अर्थव्यवस्था लंबे समय से विकसित देशों पर हावी है। वह न केवल नवोदित आर्थिक समुदायों और जी-7 द्वारा प्रतिनिधित्व मौजूदा अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की अग्रणी ताकतों के बीच रणनीतिक बातचीत के लिये एक महत्वपूर्ण मंच बन गया है, बल्कि उसने आर्थिक सहयोग और विकासशील देशों के आम विकास के लिये एक व्यवहार्य मार्ग भी खोल दिया है। जिससे विश्व अधिक बहुध्रुवीय और अधिक न्यायसंगत होता जा रहा है।

चंद्रिमा

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