करीब सौ देशों ने मानवाधिकार मुद्दे पर चीन का समर्थन किया

2022-06-17 15:58:07

हाल ही में जेनेवा में आयोजित संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 50वें सम्मेलन पर क्यूबा ने लगभग 70 देशों की ओर संयुक्त भाषण देकर मानवाधिकार की आड़ में चीन के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का विरोध किया।इसके अलावा 20 से अधिक देशों ने अपने-अपने भाषण में चीन का समर्थन व्यक्त किया।

करीब 100 से अधिक देशों ने जो विभिन्न तरीके से चीन का समर्थन किया,इसका मतलब है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय खासकर विकासशील देशों को चीन की मानवाधिकार स्थिति पर स्पष्ट निष्कर्ष है और मानवाधिकार मुद्दे पर अमेरिका समेत पश्चिमी देशों का घमंड और दोहरा मापदंड साफ-साफ पता है ।यूएन मानवाधिकार परिषद पर उठी न्याय की आवाज अमेरिका समेत पश्चिमी जगत द्वारा मानवाधिकार का प्रयोग कर प्रभुत्व जमाने के प्रति शक्तिशाली जवाबी हमला है । 

इधर के कुछ सालों में अमेरिका चीन को सब से बड़ा रणनीतिक प्रतिस्पर्धात्मक प्रतिद्वंदी मानता आया है ।इस पृष्ठभूमि में अमेरिका और पश्चिमी देशों के राजनीतिज्ञ बार-बार तथाकथित शिनच्यांग ,तिब्बत ,थाईवान सवाल उठाकर चीन को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं ।लेकिन दूध तो दूध और पानी तो पानी है । चाहे झूठ को सौ बार क्यों न दोहराये  ,तब भी वह झूठ ही रहता है। मानवाधिकार क्षेत्र में चीन ने जो प्रगति प्राप्त की है ,वह निर्विदित है ।

वास्तव में विश्व में मानवाधिकार का उल्लंघन करने वाला सबसे बड़ा देश अमेरिका है ।कोविड-19 महामारी की रोकथाम की हार से अमेरिका में 10 लाख लोगों ने अपनी जान गंवायी है ।जातीय हिंसा और बंदूक हिंसा दिन ब दिन गंभीर हो रही है । इस के अलावा अमेरिका द्वारा छेड़े गये युद्धों में लाखों लोग मारे गये हैं और करोड़ों लोग बेघर हुए हैं ।

अब यूएन मानवाधिकार परिषद को अमेरिका की मानवाधिकार स्थिति की जांच यथाशीघ्र ही अपने कार्यसूची में शामिल करना चाहिए ।(वेइतुंग)

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