ब्रिटिश प्रशासन गंभीर घरेलू चुनौती का सामना कर रहा है

2022-06-16 20:27:31

भारत में एक कहावत है कि कोढ़ में खाज आती है।वर्तमान में ब्रिटिश सरकार तो ऐसी स्थिति में फंसी है।

स्थानीय समयानुसार 15 जून को यूरोपीय संघ समिति ने ब्रिटिश सरकार पर नार्थआयरलैंड संधि के कुछ विषयों का पालन न करने का आरोप लगाया और इसे लेकर नालिश करना शुरू किया।ब्रिटेन से अलग होने का समर्थन करने वाली नार्थआयरलैंड की सिनफन पार्टी के उपाध्यक्षमिचेलओ’नील ने बताया कि ब्रिटिश सरकार की कार्रवाई से नार्थआयरलैंड की राजनीतिक स्थिति में अस्थिरता आयी है।उधर, दो दिन पहले स्कौटलैंड सरकार के प्रमुख मंत्री निकोलास्टर्जन ने घोषणा की कि चाहे ब्रिटिश सरकार सहमत हो या नहीं,वे अगले साल ब्रिटेन से अलग होने के जनमत संग्रह के आयोजन को बढ़ावा देंगी।

नार्थआयरलैंडप्रोटोकोलब्रेक्सिटसमझौते का एक भाग है।इस प्रोटोकोल के मुताबिक नार्थआयरलैंड यूरोपीय संघ के बाजार और टैरिफ संघ में बना रहेगा।13 जून को ब्रिटिश विदेश मंत्री लीज ट्रस ने संसद को एकतरफा तौर पर नार्थआयरलैंडप्रोटोकोल का संशोधन करने की योजना प्रस्तुत की।उन्होंने कहा कि इस प्रोटोकोल से आयरलैंड में कई व्यावहारिक समस्याएंउभरी हैं।

ब्रिटिश सरकार की एकतरफा कार्रवाई को यूरोपीय संघ की जबरदस्त आलोचनी मिली।द गार्डियन अखबार ने कहा कि ब्रिटेन की इस कार्रवाई से ब्रिटेन और यूरोपीय संग के बीच व्यापार युद्ध होने की संभावना है।कुछ विश्लेषकों के विचार में ब्रिटेन की इस कार्रवाई से नार्थआयलैंड की स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है,जो वहां की स्वतंत्रता की भावना प्रेरित करेगा।

इस महीने की शुरूआत में ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिसजोनसन ने बड़ी कठिनाई से अपनी पार्टी के अंदर हुए अविश्वास मतदान में जीत हासिल की।अब उन को फिर नये परेशान का सामना करना पड़ता है।

गौरतलब है कि गंभीर घरेलू समस्याओं के बावजूद फिलहाल ब्रिटेन अमेरिका के साथ यूरोप और एशिया व प्रशांत क्षेत्र में घटना रचने की चेष्टा कर रहा है।यह हास्यास्पद है।(वेइतुंग)

रेडियो प्रोग्राम