जल संसाधनों की सुरक्षा के लिए चीन में जारी किए गए दिशा-निर्देश

2022-06-10 18:51:45

चीन में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर लगातार ध्यान दिया जाता रहा है। समय-समय पर इस बारे में चीन सरकार व विभिन्न विभाग नयी योजनाएं भी जारी करते हैं। अगर हम जल की बात करें तो यह जीवन के लिए बेहद आवश्यक संसाधन है। हवा और पानी के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन वैश्विक स्तर पर प्राकृतिक संसाधनों के दोहन के कारण तमाम कई समस्याएं खड़ी हो गयी हैं। चीन भी इस समस्या और चुनौती को अच्छी तरह समझता है। इस दौरान चीन के सर्वोच्च पीपुल्स प्रोक्यूरेटोरेट और जल संसाधन मंत्रालय ने जल संसाधनों को प्रभावित करने वाले मामलों से निपटने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इनका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि जनहित और राष्ट्रीय जल सुरक्षा को सख्ती से बरकरार रखा जा सके।


बताया जाता है कि जल संसाधनों पर गंभीर प्रभाव डालने वाले अवैध कार्यों पर मुख्य रूप से ध्यान दिया जाएगा। इसके साथ ही राष्ट्रीय और सार्वजनिक हित से जुड़े संसाधनों को नुकसान पहुंचाने वालों पर भी कड़ी नज़र रहेगी। गाइडलाइंस के मुताबिक जल संसाधनों से संबंधित कानून प्रवर्तन और जनहित याचिका के लिए प्रोक्यूरेटोरेट और जल संसाधन विभाग एक समन्वय तंत्र की स्थापना करेंगे। 

कहा गया कि समन्वय में मुख्य रूप से पांच प्रमुख क्षेत्र शामिल होंगे। जिनमें बाढ़ और सूखा आपदा रोकथाम, जल संसाधनों, नदियों और झीलों का प्रबंधन, जल संरक्षण परियोजनाएं और मिट्टी और जल संरक्षण प्रमुख रूप से होंगे।

इन दिशा-निर्देशों में स्पष्ट तौर पर जोर दिया गया है कि जो लोग जलाशय क्षेत्रों में भूमि को हासिल करने, नदी व जलाशयों में कूड़ा व बेकार चीज़ें फेकते हैं, जिनसे बाढ़ का खतरा पैदा हो सकता है। उनके खिलाफ कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें जनहित याचिका का सामना करना पड़ सकता है। जबकि अन्य चीज़ों पर भी प्रतिबंध होगा, जिसमें अवैध रूप से रेत का खनन या मिट्टी का कटाव शामिल है।


इतना ही नहीं अगर स्थानीय जल संसाधन विभाग मौजूदा समस्याओं को हल करने के लिए अन्य विभागों के साथ समन्वय न कर सके तो मामले को स्थानीय अभियोजक को स्थानांतरित किया जाएगा। 

जानकार कहते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर समन्वय तंत्र स्थापित करने से जल संसाधन प्रबंधन के कानून-आधारित आधुनिकीकरण को बढ़ावा मिलेगा। क्योंकि हाल के समय में जल संसाधनों को नुकसान पहुंचाने वाले मामलों में इजाफा देखा गया है। जो प्राकृतिक आपदाओं की संख्या में बढ़ोतरी होने के लिए ज़िम्मेदार भी कहा जा सकता है। यही वजह है कि चीन के विभिन्न विभाग इस दिशा में गंभीरता से काम कर रहे हैं। जिसका नतीजा हमें आने वाले समय में दिखेगा।


(अनिल पांडेय, पेइचिंग)



 

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