पिज़्ज़ा पहुंचाने के अलावा ड्रोन का उपयोग अब शादी और खेती में भी

2022-06-07 18:36:07

आजकल ड्रोन कई तरह की सेवाओं के जरिए इंसानी जीवन का हिस्सा बन रहा है। आकार में छोटा, चार पंखों वाला और हवा में हेलीकॉप्टर के तरह उड़ने वाला ये रिमोट से संचालित यंत्र कभी घर तक पिज़्ज़ा पहुंचाता है तो कभी सब्जी की टोकरी। कभी डाक पहुंचाता है तो कभी कोई और वस्तु।  इन दिनों हवा में उड़ते इस यंत्र पर कैमरा लगाकर हवा से वीडियो भी बनाए जा रहे हैं। आसमान से लिए गए दृश्य बहुत ही सुंदर दिखाई देते हैं और काफी आकर्षक भी। लिहाजा अब शादी और विवाह समाराहों में भी ड्रोन फोटोग्राफी का इस्तेमाल काफी देखने को मिल रहा है। चाहे बारात का एक स्थान से दूसरे स्थान तक जाना हो या दूल्हा-दुल्हन का वर माला समारोह, खुले स्थानों पर अब उचित अनुमति के बाद ड्रोन से वीडियो बनाने का प्रचलन चल पड़ा है। इसमें बर्ड आई व्यू यानी पक्षी जिस तरह से आसमान से ज़मीन का नज़ारा देखता है वैसा ही नजारा अब वर और वधू पक्ष के लोग भी अपनी शादी की वीडियो शूटिंग में देख पा रहे हैं। जीवन में एक बार होने वाली शादी और उसके समारोहों को जीवन भर संजो कर रखने के लिए और उसकी याद हमेशा ताजा रखने के लिए खूबसूरत दृश्यों को लेने की कोशिश की जाती है। प्रीवेडिंग शूट में भी ड्रोन का इस्तेमाल काफी किया जा रहा है। ड्रोन विडियो ग्राफी या फोटोग्राफी की खूबी ये होती है कि विडियो में हमेशा मूविंग शॉट लिया जा सकता है साथ ही सब्जेक्ट को संपूर्ण रुप में दर्शक को दिखाया जा सकता है। वहीं फोटोग्राफी में भी ड्रोन से लिया गया फोटो एक बड़ा भू-भाग कवर करता है जो दर्शक या पाठक को एक बड़ा नजरिया देता है और विषय वस्तु की ज्यादा जानकारी मुहैया कराई जा सकती है।

ड्रोन कैमरों और उसकी ऊंचाई का संचालन एक रिमोट कंट्रोल द्वार ज़मीन से ही किया जाता है। लिहाजा ड्रोन चलाने वाले ऑपरेटर या संचालक को एक अच्छा चालक भी होना चाहिए जो आसमान से खूबसूरत दृश्य ले सके और अच्छे कैमरे एंगल द्वारा कैमरे को घुमाकर भी देख सके।  

फिल्मी दुनिया में भी इन दिनों ड्रोन शॉट्स का काफी प्रयोग किया जा रहा है। साथ ही ड्रोन कैमरा अब सजीव खेल प्रसारणों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी बन गए हैं। इसके अलावा खेती-किसानी कार्यों में भी ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है। किसी फसल पर बड़े क्षेत्र में आसमान से रसायनों का छिड़काव करना हो या पक्षियों और अन्य पशुओं की नजर से बचाना अब उच्च तकनीक के माध्यम से ड्रोन को उड़ाकर कार्यों को किया जा रहा है।    

एक दौर था जब इंसान को ही कैमरा हाथ में थामकर या तो चलकर या फिर ट्रॉली पर मूविंग शॉट लेना पड़ता था। सजीव खेल प्रसारणों में भी कैमरामैन को कई बार दौड़कर भी अपनी छाती पर कैमरा बांध कर शॉट लेना होता है लेकिन ड्रोन के चारों कोनों पर लगी रस्सी हो या फिर पंख, इसकी वजह से ड्रोन का मूवमेंट आसान हो जाता है और इसे स्वतंत्र रुप से हवा में किसी भी दिशा में चलाया जा सकता है। 

 

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