बढ़ रहा है ब्यूटी और वेलनेस का बाज़ार

2022-06-06 17:06:04

आजकल स्वयं का ख्याल रखना भी जीवन की कुछ जरूरी आवश्यकताओं में शुमार हो चुका है। इसमें श्रृंगार और खूबसूरती का ख्याल रखने के अलावा कई प्राकृतिक तेलों से त्वचा का ख्याल रखना, नाखूनों को सही आकार में रखना, केशों का आकर्षक स्टाईल रखना और शारीरिक रुप से फिट रहना भी शामिल है। इसीलिए इसमें आमजन भी विशेषज्ञता हासिल किए हुए पेशेवरों की मदद ले रहे हैं। यानी शादियों के समारोहों से पहले चेहरे पर कई तरह के मास्क लगाना हो या हाथ-पैरों का ख्याल रखना और नाखूनों को सुंदरता के साथ संवारना, ये सभी कार्य पेशेवरों के द्वारा किए जा रहे हैं। नई तरह के केश विन्यास की बात हो या अलग दिखने वाले रंगीन बाल रखने का शौक, ये सभी कार्य अब लोग एक्सपर्ट्स से कराना ज्यादा पसंद करते हैं। ऐसे में ब्यूटी और वेलनेस इंडस्ट्री का आकार धीरे-धीरे बढ़ता दिखाई दे रहा है। महानगरों से अब ये बिज़नेस, छोटे शहरों, जिलों और तहसीलों तक जा चुका है। इसमें पेशेवर मेहंदी लगाने वाले हुनरमंद भी शामिल होते हैं, जो दुल्हा-दुल्हन के हाथों में अपने हुनर और कौशल की बदौलत बेहतरीन डिज़ाईन वाली मेहंदी भी लगाते हैं। शादी-विवाह के समारोहों के अलावा भी इन पेशेवरों की सेवाएं ली जा रही हैं। 

इस इंडस्ट्री में अब धीरे-धीरे रोजगार भी पनप रहे हैं और कई लोगों को ऐसे ही प्रशिक्षित हुनरमंद लोगों की जरूरत रोज होती है। इनकी सेवाएं सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी ले रहे हैं ताकि स्वयं के शरीर को अपटूडेट रखा जा सके। महानगरों में ब्यूटी एंड वेलनेस का बिज़नेस सप्ताह के अंत के दिनों में ज्यादा सक्रिय रहता है। शुक्रवार से रविवार के बीच कई लोग इनकी सेवाएं लेना पसंद करते हैं। 

साथ ही जिम, फिटनेस सेंटर, ज़ुंबा क्लासेस और योगा के कई प्रशिक्षण केन्द्र भी इसी ईकोसिस्टम में शामिल  हो चुके हैं जिसमें लोग स्वयं की अच्छी देखभाल करने के  लिए कई तरह की एक्सरसाइज़, योग-ध्यान और डांस के कई तरह के प्रकार जैसे ज़ुंबा में भी शामिल होते हैं। 

आजकल की ज़िंदगी में ये सभी चीज़ें रोजमर्रा की दिनचर्या में शामिल हो चुकी है। चाहे सप्ताह के दिन हो या सप्ताहांत के दो दिन, इन सेवाओं के तमाम हुनरमंद लोग हफ्तेभर तक व्यस्त रहते हैं। हालांकि हर सेवा का एक निश्चित शुल्क है और खर्चा भी होता है लेकिन पेशेवर कामकाज में लोगों को खुद को चुस्त-दुरुस्त और अच्छा दिखना हो तो ये सभी बातें उपयोगी भी हो जाती हैं। 

पारंपरिक संस्कृति में इन सभी बातों के लिए बिना किसी शुल्क के घर में रखे मसालों से ही केयर करने के नुस्खे मौजूद हैं। जैसे हल्दी का लेप चेहरे और शरीर पर लगाने की परंपरा वर्षों पुरानी है। साथ ही घरों के पास बने अखाड़ों में वर्जिश करना दैनिक परंपरा का हिस्सा रहा है। केशों में मेहंदी लगाने का प्रचलन भी घर-घर में रहा है  वहीं सरसों से तेल से शरीर की मालिश भी अच्छी मानी गई है। ये सभी बातें घर में रखी चीज़ों से की जा सकती है और इसमें ज्यादा खर्चा भी नहीं होता है। साथ ही नहाने के पानी में नीम की पत्तियां डालकर रखने से फायदा होता है। यानी जिनका बजट कम हैं वे भी इन सभी नुस्खों को आसानी से अपना सकते हैं। 

सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि ब्यूटी एंड वेलनेस इंडस्ट्री में इन दिनों स्वरोजगार हेतु इन सभी सेवाओं का युवाओं को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि कई लोग अपना खुद का व्यापार भी शुरू कर सकें।

 

 

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