चीनी राष्ट्रपति की हरित विकास भावना

2022-06-04 18:40:45

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 18वीं राष्ट्रीय कांग्रेस (नवम्बर 2012) के बाद से लेकर अब तक, चीन में पारिस्थितिक सभ्यता के निर्माण में भारी परिवर्तन आया है। सुन्दर चीन के निर्माण से लेकर सुन्दर पृथ्वी के सह-निर्माण तक, कम कार्बन परिवर्तन को बढ़ावा देने से लेकर वैश्विक जलवायु शासन तक चीन अपने द्वारा दिए गए वचन का पालन करता है, और मानव जाति के एक साथ पृथ्वी घर की रक्षा के लिए चीनी बुद्धि वाला योगदान देता है।

10 नवम्बर 2014 को पेइचिंग में एपेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने आए विभिन्न देशों के नेताओं के स्वागत के लिए आयोजित सत्कार भोज में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने ”एपेक ब्लू” की चर्चा करते हुए कहा कि “हम प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, इसकी तीव्रता अभूतपूर्व है। मुझे आशा है कि पेइचिंग और यहां तक कि पूरे चीन में हमेशा नीला आकाश, हरे पहाड़ और स्वच्छ पानी हो, ताकि बच्चे एक बेहतर पारिस्थितिक वातावरण में रह सकें। यह चीनी स्वप्न का महत्वपूर्ण विषय भी है।”


शी चिनफिंग ने कई बार बल दिया कि चीन अस्थायी आर्थिक विकास के लिए पारिस्थितिक पर्यावरण का कभी त्याग नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि "पर्यावरण लोगों की आजीविका है, हरे पहाड़ सुंदर हैं, और नीला आकाश खुशी है। हमें अपनी आंखों की रक्षा करने जैसे पारिस्थितिक पर्यावरण की रक्षा करनी चाहिए, और पारिस्थितिक पर्यावरण के साथ जीवन की तरह व्यवहार करना चाहिए।"

साल 2005 में शी चिनफिंग पूर्वी चच्यांग प्रांत के शीर्ष नेता रहे, उन्होंने हूचो शहर की य्वी गांव का निरीक्षण दौरा किया। इस समय उन्होंने पहली बार इस वैज्ञानिक निष्कर्ष को सामने रखा कि "स्वच्छ जल और हरित पर्वत सोना और रजत जैसी अमूल्य संपत्ति है"। साल 2013 में, कजाकिस्तान में नज़रबायेव विश्वविद्यालय में भाषण देते हुए शी चिनफिंग ने कहा कि "हम स्वच्छ पानी और हरित पहाड़ दोनों चाहते हैं, और साथ ही साथ सोने और रजत के पर्वत भी चाहते हैं। सोने और रजत के पर्वत की तुलना में हमें स्वच्छ पानी और हरित पर्वत ज्यादा चाहते हैं। स्वच्छ जल और हरित पर्वत सोना और रजत जैसी अमूल्य संपत्ति ही है"

2021 में विश्व पृथ्वी दिवस पर आयोजित जलवायु शिखर सम्मेलन में शी चिनफिंग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मानव और प्रकृति के बीच जीवन का एक समुदाय बनाना चाहिए, और  मनुष्य व प्रकृति के सामंजस्यपूर्ण सह-अस्तित्व का पालन करना चाहिए। प्रकृति ने मनुष्य का पालन-पोषण किया है, और मनुष्य को प्रकृति को जड़ के रूप में लेना चाहिए, प्रकृति का सम्मान करना चाहिए, प्रकृति के अनुरूप होना चाहिए और प्रकृति की रक्षा करनी चाहिए।


2021 में संयुक्त राष्ट्र “जीव विविधता संधि” पर हस्ताक्षरकर्ताओं के 15वें शिखर सम्मेलन (सीओपी 15) के दौरान शी चिनफिंग ने कहा कि यदि मनुष्य प्रकृति को निराश नहीं करता, तो प्रकृति मनुष्य को अवश्य ही निराश नहीं करेगी। पारिस्थितिक सभ्यता मानव सभ्यता के विकास की ऐतिहासिक प्रवृत्ति है। आइए हम हाथ मिलाकर पारिस्थितिक सभ्यता की अवधारणा को बनाए रखें, आने वाली पीढ़ियों के लिए जिम्मेदारी की ऊंचाई पर खड़े रहें, और संयुक्त रूप से पृथ्वी पर जीवन के एक समुदाय का निर्माण करें, और एक स्वच्छ व सुंदर दुनिया का सह-निर्माण करें! 

पारिस्थितिकी की समृद्धि सभ्यता की समृद्धि है। चीन अपनी बुद्धि और कार्रवाई के साथ पृथ्वी घर की रक्षा के लिए योगदान दे रहा है।

(श्याओ थांग)

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