अफ़गान बच्चे मुश्किलों में अपने सपने पर दृढ़ता से कायम रहते हैं

2022-06-02 13:09:18

1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस से पहले अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल के आसपास स्थित एक ईंट भट्टे में 15 वर्षीय लड़का राहमधुरा व्यस्त में काम कर रहा है। हर दिन उसे यहां काम करना पड़ता है। उनके अनुसार सुबह एक बजे से दोपहर के बाद छह बजे तक मैं यहां काम करता हूं। हर दिन मैं लगभग 3.4 डॉलर कमा सकता हूं। कोई उपाय नहीं है, क्योंकि मेरे पिता जी दिल की बीमारी से पीड़ित हैं। इसलिये मुझे हर दिन यहां काम करना पड़ता है, और मैं स्कूल नहीं जा सकता। मेरा सपना था कि मैं एक इंजीनियर या डॉक्टर बना सकूंगा।

वर्ष 2021 के अगस्त के अंत में अमेरिकी सेना अफ़गानिस्तान से हट गयी। हालांकि अभी तक 9 महीने बित चुके हैं, लेकिन अमेरिका द्वारा लगाये गये एकतरफ़ा प्रतिबंध और सेंट्रल बैंक ऑफ़ अफगानिस्तान में जमी हुई अरबों डॉलर की संपत्ति को वापस न देने की वजह से इस देश की आर्थिक मुश्किलें दिन-ब-दिन गंभीर हो रही हैं।

राजधानी काबुल यहां तक कि पूरे अफ़गानिस्तान में शहर के हर रास्ते पर हजारों बच्चे तरह-तरह के काम करते हैं। वे अपने मां-बाप और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ पैसे कमाने और अपने परिवार का समर्थन करने का बोझ एक साथ साझा करते हैं।

चंद्रिमा

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