सहयोग और साझी जीत एशिया प्रशांत की सफलता का रहस्य है

2022-05-31 11:19:43

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 30 मई को पेइचिंग में आयोजित एक नियमित संवाददाता सम्मेलन में तथाकथित “हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचे” की चर्चा में कहा कि एशिया प्रशांत की सफलता का रहस्य सहयोग और साझी जीत है, जबकि जीरो-सम गेम नहीं है।


हाल में मलेशिया के भूतपूर्व प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद ने कहा कि “हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा” राजनीतिक ढांचा है, जबकि कोई आर्थिक ढांचा नहीं है। इसका मकसद चीन का बहिष्कार कर प्रतिरोध करना है। आर्थिक विकास के लिए मुठभेड़ के बजाए स्थिरता की जरूरत है। अमेरिका ने चीन का बहिष्कार कर दक्षिण चीन सागर में सैन्य पोत भी भेजे, जिससे संभवतः हिंसा या युद्ध छिड़ेगा। यह आसियान देशों के आर्थिक विकास के लिए लाभदायक नहीं है। इसकी चर्चा में चीनी प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने कहा कि महाथिर ने सही बात कही है। उन्होंने अधिकांश क्षेत्रीय देशों के मन की बात सुनायी है और क्षेत्रीय देशों के ख्याल पर भी साफ साफ बताया है। क्षेत्रीय शांति और आर्थिक विकास सब लोग चाहते हैं, जबकि अमेरिका ने इस दिशा के उलटी में कार्रवाइयां कीं और आर्थिक सवाल का राजनीतिकरण किया, इसमें क्षेत्रीय समर्थन पाना मुश्किल है। चाओ ने कहा कि चीन क्षेत्रीय देशों के साथ सच्चे बहुपक्षवाद का कार्यान्वयन कर खुले क्षेत्रीय अर्थतंत्र की स्थापना करना चाहता है और एक साथ सुन्दर एशिया-प्रशांत घर का निर्माण करना चाहता है।


थाईवान मसले को लेकर प्रवक्ता चाओ ने जोर दिया कि थाईवान सवाल बिलकुल चीन का अंदरूनी मामला है। विश्व में केवल एक चीन है और थाईवान चीन का एक भाग है। चीन लोक गणराज्य पूरे चीन का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र कानूनी सरकार है, यह अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की सहमति भी है। देश की एकता को साकार करना एक न्यायपूर्ण कार्य है। चीन द्वारा देश की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा करने, विभाजन का विरोध करने और देश की एकता को साकार करने का संकल्प कभी नहीं बदलेगा।

(श्याओयांग)

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