सीमा मुद्दा संपूर्ण चीन-भारत संबंध नहीं है : चीनी विदेश मंत्रालय

2022-05-31 19:26:14

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लीच्येन ने 31 मई को एक नियमित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि चीन हमेशा से यह मानता रहा है कि सीमा मुद्दा संपूर्ण चीन-भारत संबंध नहीं है।

भारतीय वाणिज्य मंत्रालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, अमेरिका अब भारत के सबसे बड़े व्यापारिक भागीदार के रूप में चीन से आगे निकल गया है। चाओ लीच्येन ने चीन-भारत संबंधों में सुधार होगा या नहीं, इसका जवाब देते हुए उपरोक्त टिप्पणी की।

उन्होंने कहा कि चीन के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय व्यापार 1 खरब 25 अरब 66 करोड़ डॉलर रहा। चीन अभी भी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है, और यह पहली बार 1 खरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया है। चीन और भारत के पास अलग-अलग सांख्यिकीय कैलिबर हैं, इसलिए उनके संबंधित प्रकाशित व्यापार आंकड़ों में अंतर होता है। चीन को भारत के अन्य देशों के साथ सामान्य व्यापार संबंधों के विकास पर कोई आपत्ति नहीं है और व्यापार मात्रा रैंकिंग के उतार-चढ़ाव में बहुत रुचि नहीं रखता है। चीन को इस बात की परवाह है कि क्या भारत द्विपक्षीय आर्थिक और व्यापार निवेश सहयोग के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और टिकाऊ वातावरण बनाने, द्विपक्षीय पारस्परिक लाभकारी सहयोग का और विस्तार करने और दोनों देशों व दोनों लोगों के लिए ठोस लाभ देने के लिए तैयार है।

चाओ लीच्येन ने कहा कि वर्तमान में, भारत-चीन सीमा पर समग्र स्थिति स्थिर हो गई है, और दोनों पक्ष राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से घनिष्ठ संचार बनाए हुए हैं। चीन का हमेशा से यह मानना रहा है कि सीमा मुद्दा संपूर्ण चीन-भारत संबंध नहीं है। इसे द्विपक्षीय संबंधों में उचित स्थिति में रखा जाना चाहिए और प्रभावी ढंग से प्रबंधित किया जाना चाहिए। आशा है कि भारत चीन के साथ मिलकर आपसी विश्वास को बढ़ाना और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत करना जारी रखेगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि द्विपक्षीय संबंध सही रास्ते पर आगे बढ़े, दोनों देशों के लोगों को अधिक से अधिक लाभ मिले, क्षेत्र और दुनिया के लिए अधिक से अधिक योगदान दिया जा सके।

(नीलम)

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