चीनी विदेश मंत्रालय:अफ़ग़ानिस्तान अराजकता से व्यवस्थित दौर में

2022-05-31 12:39:40

वर्तमान में अफ़ग़ानिस्तान अराजकता और अव्यवस्था से व्यवस्थित महत्वपूर्ण दौर में प्रवेश कर चुका है। चीन संबंधित देशों के साथ संचार व समन्वय को मजबूत करने, आम सहमति व तालमेल बनाने के लिए तैयार है। ताकि वे अफगानिस्तान को जल्द से जल्द दीर्घकालिक स्थिरता हासिल करने में मदद करने के लिए निरंतर प्रयास कर सकें। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता चाओ लिच्यान ने 30 मई को पेइचिंग में आयोजित नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही।


संवाददाता सम्मेलन में कुछ संवाददाताओं ने पूछा कि पिछले सप्ताह तजाकिस्तान में अफगानिस्तान पर चौथी क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता आयोजित हुई और "दुशांबे बयान" को जारी किया गया। चीनी प्रतिनिधियों ने इस वार्ता में भाग लिया। इस बात के प्रति प्रवक्ता ने कहा कि हाल ही में चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने वैश्विक सुरक्षा पहल का प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने अपील की कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को साझा, व्यापक, सहकारी और सतत सुरक्षा की नई अवधारणा का पालन करना चाहिए। साथ ही सभी देशों को विश्व शांति और सुरक्षा संयुक्त रूप से बनाए रखना चाहिए। चीन इस भावना को बनाए रखने के साथ-साथ संबंधित देशों के साथ संयुक्त प्रयास करने और विभिन्न क्षेत्रों में चुनौतियों से निपटने में अफगान प्रणाली का समर्थन करने के लिए तैयार है।


चाओ ने कहा कि तजाकिस्तान में आयोजित अफगानिस्तान पर चौथी क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता में जारी किये गये "दुशांबे बयान" "थुनसी पहल" का स्वागत करता है, जो इस मार्च के अंत में चीन के आनहुई प्रांत के हुआंगशान शहर के थुनसी जिले में आयोजित अफगान पड़ोसी विदेश मंत्रियों की तीसरी बैठक में पारित हुआ था। "दुशांबे बयान" के अनुसार सभी पक्षों से अफगानिस्तान को अर्थव्यवस्था, मानवीय सहायता, संपर्क, व्यापार और आंतरिक क्षमता निर्माण आदि क्षेत्रों में और अधिक समर्थन देने को आह्वान किया गया है। इस बयान ने अफगान आंतरिक मामलों में गैर-हस्तक्षेप और अफगान स्वामित्व में अफगान नेतृत्व के सिद्धांत की पुनः पुष्टि की। इस बयान में अफगानिस्तान मामलों के लिए जिम्मेदार देशों से अफगानिस्तान के आर्थिक पुनर्निर्माण और भविष्य के विकास के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को ईमानदारी से पूरा करने का आग्रह किया गया। साथ ही इस बयान ने अफगानिस्तान में मानवीय सहायता के राजनीतिकरण का विरोध किया है। इस बयान में जोर देकर कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठनों को संबंधित देशों के खिलाफ किसी भी आतंकवादी कार्रवाई को छिपाने, प्रशिक्षित करने, योजना बनाने और वित्तपोषित करने के लिए कभी भी अफगान क्षेत्र का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ताकि अफगानिस्तान में आतंकवाद के प्रसार,सुरक्षित ठिकाने या प्रसार का स्रोत नहीं बनने को सुनिश्चित किया जाएगा।

(हैया) 

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