अधिक समय यानी बेहतर तैयारी, पदक जीतने की संभावना में इजाफा

2022-05-19 16:21:36

पिछले कुछ वर्षों से कई अंतर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं को कई कारणों के चलते अपने तय समय से आगे बढ़ाना पड़ा है। जिसमें टोक्यो ओलंपिक खेल 2020, यूरो कप 2020, विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2021 और एशियन गेम्स 2022 भी शामिल रहे। इन सभी प्रतियोगिताओं को अपने तय समय से एक साल आगे बढ़ाने से कई खिलाड़ियों को तैयारियों का अधिक समय मिला और उनके पदक जीतने की संभावना भी बढ़ गई। दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों से सजने वाली इन सभी महाप्रतियोगिताओं की तिथियां काफी पहले से ही तय कर ली जाती है और प्रत्येक खिलाड़ी इन खेलों के आयोजित होने वाले समय के हिसाब से ट्रेनिंग करता है और इन खेलों के टाइमिंग के हिसाब से ही अपनी शारीरिक क्षमता की चरम सीमा यानी पीक तक पहुंचता है। ऐसे में कई बार जब खेलों की महाप्रतियोगिताओं की तिथि आगे बढ़ जाती है तो अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को अपनी तैयारियों के लिए ज्यादा समय मिलता है और अधिक अभ्यास करने से उनकी पदक जीतने की संभावना भी अधिक बढ़ जाती है। 


चाहे टीम गेम हो या इंडिविजुअल गेम, सभी तरह के खेलों में एक तय रणनीति और समय सीमा के मुताबिक तैयारियों का अनुमान लगाया जाता है। ऐसे में समय सीमा बढ़ने से खिलाड़ियों की शारीरिक क्षमता में इजाफा होता है बल्कि प्रतियोगिताओं के नजदीक आने पर बढ़ने वाले मानसिक तनाव में भी कमी आती है। खेल की तारीखों का आगे बढ़ना सभी खिलाड़ियों के लिए समान होता है लिहाजा प्रतियोगिता की भावना और खेल भावना में कोई अंतर नहीं आता है। 


अगले कुछ महीनों में कॉमनवेल्थ गेम्स होना है लेकिन इन खेलो में निशानेबाजी को इस बार शामिल नहीं किया गया है। साथ ही एशियाई खेलों के आगे बढ़ने से भारत और चीन दोनों ही देशों के महिला निशानेबाजों को पदक जीतने के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा। दोनों ही देशों के निशानेबाज विश्व स्तर के हैं और हमेशा ही अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में उनका पदक जीतना लगभग तय होता है। लेकिन इस वर्ष दोनों ही प्रतियोगिताओं से इन निशानेबाज़ों को हिस्सा लेने का मौका नहीं मिल पा रहा है। वहीं कुछ खेल ऐसे भी हैं जो कॉमनवेल्थ गेम्स में नहीं है, इसमें हर चार वर्ष में होने वाला खेल कबड्डी के खिलाड़ियों को भी थोड़ा इंतजार करना होगा। वहीं पुरुषों के टी-20 क्रिकेट मुकाबलों के लिए भी खिलाड़ियों को धैर्य रखना होगा। 


वहीं ट्रेक एंड फिल्ड और अन्य गेम्स के खिलाड़ियों को  कॉमनवेल्थ खेलों और विश्व चैंपियनशिप जैसी स्तरीय प्रतियोगिताओं में पदक जीतने का मौका मिलेगा। लेकिन इन दोनों ही टूर्नामेंट में प्रतियोगिता का स्तर अधिक होगा क्योंकि अधिकांश वे देश इसमें हिस्सा लेंगे जिनका ओलंपिक में भी पदक जीतने का रिकॉर्ड रहा है। लिहाजा तुलनात्मक रुप से एशियाई खेलों में पदक जीतने की संभावना अधिक होती है, ऐसे में कुछ एथलीटों को सिर्फ और सिर्फ एशियाई खेलों का ही इंतजार रहेगा और वो अब अपनी दोगुनी ताकत और मेहनत से तैयारियों में जुट जाएंगें। खेलों के आगे बढ़ने से उन खिलाड़ियों को भी फायदा होता है जो पिछले दिनों चोटिल हो गए हों, ऐसे में उन्हें चोट से उबरने और वापस मैदान में उतरने के लिए भी पर्याप्त समय मिल पाता है। लिहाजा खेलों का आगे बढ़ना हर मायने से खिलाड़ियों के लिए फायदेमंद साबित होता है। 

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