भारत ने गेहूं के निर्यात पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया

2022-05-15 17:21:37

भारत में तत्काल प्रभाव से गेहूं के निर्यात पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया जाएगा। भारतीय विदेश व्यापार संस्थान ने 13 मई को इस बात की घोषणा की।

भारत का गेहूं के निर्यात पर अस्थायी प्रतिबंध के दो मुख्य कारण हैं। सबसे पहला, भारत में घरेलू मुद्रास्फीति अधिक है और अनाज की कीमतों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। कुछ दिनों पहले भारतीय सांख्यिकी विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस अप्रैल में भारत का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) बढ़कर 7.79 प्रतिशत तक पहुंच गया है, जो पिछले आठ वर्षों में उच्चतम स्तर पर है। अनाज की बढ़ती कीमतें भारत में बढ़ती मुद्रास्फीति का मुख्य चालक रही हैं। इस अप्रैल में भारत का अनाज मुद्रास्फीति सूचकांक मार्च में 7.68 प्रतिशत से बढ़कर 8.38 प्रतिशत तक जा पहुंचा, जो पिछले 17 महीनों में उच्चतम स्तर पर है।


दूसरा कारण, रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के कारण अनाज की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज वृद्धि होना भी है। घोषणा के मुताबिक, अनाज की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों से भारत और अपने पड़ोसी देशों की अनाज सुरक्षा को खतरा पैदा किया गया है।

उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि दुनिया भर के प्रमुख गेहूं उत्पादकों में से एक के रूप में, गेहूं के निर्यात पर भारत के प्रतिबंध लगाने से गेहूं की घरेलू कीमतों में प्रभावी रूप से कमी आ सकेगी। भारतीय मीडिया ने रिपोर्ट की कि अनाज की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में तेज वृद्धि के कारण पिछले दो महीनों में भारतीय गेहूं निर्यातकों ने लगभग 40 लाख टन गेहूं के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं, जो पिछले वित्तीय वर्ष में गेहूं के कुल निर्यात का 60 प्रतिशत के करीब है। यह भारत में गेहूं की घरेलू कीमतों में वृद्धि के कारणों में से एक भी है।

(हैया)

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