रानिल विक्रमसिंघे फिर बने श्रीलंका के प्रधानमंत्री
श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने 12 मई को यूनाइटेड नेशनल पार्टी के प्रमुख नेता रानिल विक्रमसिंघे को श्रीलंका के प्रधानमंत्री के पद पर नियुक्त किया। उसी रात रानिल विक्रमसिंघे ने राजधानी कोलंबो के राष्ट्रपति महल में प्रधानमंत्री के पद की शपथ ली ।
गौरतलब है कि रानिल विक्रमसिंघे पहले भी श्रीलंका के प्रधानमंत्री रह चुके हैं। आखिरी बार उन्होंने दिसंबर 2018 में पदभार ग्रहण किया था।
गोटाबाया राजपक्षे ने 11 मई की शाम को एक टीवी भाषण में कहा कि वर्तमान में श्रीलंका आर्थिक संकट से गुजर रहा है और इसके परिणामस्वरूप सामाजिक व राजनीतिक अस्थिरता पैदा हुई है। नए प्रधानमंत्री के पास नई योजनाओं का प्रस्ताव करने और देश को आगे बढ़ाने का अवसर होगा।
श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी पॉपुलर फ्रंट पार्टी के नेता महिंदा राजपक्षे ने 9 मई को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफे की घोषणा की।
श्रीलंका के संविधान के अनुसार प्रधानमंत्री के इस्तीफा देने की स्थिति में मंत्रिमंडल को भंग किया जाता है। श्रीलंका के राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री के पद पर संसद के एक सदस्य को नियुक्त करना होता है, जिसके संसद में विश्वास जीतने की सबसे अधिक संभावना है। इसके बाद राष्ट्रपति को मंत्रिमंडल के अन्य मंत्रियों को भी नियुक्त करने की जरूरत होती है।
(हैया)