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भीषण गर्मी से प्रभावित हुआ दक्षिण एशिया
भीषण गर्मी से प्रभावित हुआ दक्षिण एशिया
भारत और पाकिस्तान के अधिकांश हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है, जिससे दुनिया के सबसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में करोड़ों लोग प्रभावित हो रहे हैं।
भीषण गर्मी से प्रभावित हुआ दक्षिण एशिया
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने हाल ही में कहा कि उत्तर पश्चिमी और मध्य भारत में 122 वर्षों में सबसे गर्म अप्रैल का महीना दर्ज हुआ और औसत अधिकतम तापमान क्रमशः 35.9 डिग्री सेल्सियस और 37.78 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। जबकि 29 अप्रैल को, दक्षिण पूर्वी पाकिस्तान के दो शहरों में तापमान 47 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। इस तरह के चरम मौसम के प्रभाव में, दोनों देशों के बुनियादी ढांचे, परिवहन, उद्योग और कृषि को गंभीर "बेकिंग परीक्षण" का सामना करना पड़ रहा है।
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चीन के राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र के एक वरिष्ठ इंजीनियर हुआंग वेई ने कहा कि गर्मियों के मानसून के आने से पहले उच्च तापमान भारत और पाकिस्तान में आम है, खासकर मई में। लेकिन अप्रैल में भीषण लू कम होती है। भारतीय मौसम विभाग के मुताबिक भारत के उत्तरी और पश्चिमी हिस्सों में तापमान मई में 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचने की संभावना है। दूसरी रिपोर्ट के मुताबिक इस साल के उच्च तापमान के कारण पाकिस्तान में दशकों में पहली बार "बिना वसंत का वर्ष" हुआ है। वास्तव में, मौसम विज्ञान की दृष्टि से केवल मौसम प्रणाली के प्रभाव के कारण, इस वर्ष का वसंत समय से पहले आया और अल्पकालिक था।
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इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि दक्षिण एशिया में लू और आर्द्र गर्मी का तनाव इस सदी में अधिक तीव्र और लगातार होगा। वर्तमान में ग्लोबल वार्मिंग और ला नीना की वजह से दक्षिण एशिया और पूर्वी एशिया में जलवायु विसंगतियां तेज हो रही हैं, चरम मौसम की स्थिति अधिक गंभीर है, और जलवायु जोखिम और बढ़ गए हैं।
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