श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाभया राजपक्षे ने 1 अप्रैल की रात को देश भर में सार्वजनिक आपातकाल की स्थिति लागू करने की घोषणा की।
राजपक्षे ने एक विज्ञप्ति में यह कहा है कि सार्वजनिक सुरक्षा व सार्वजनिक व्यवस्था की रक्षा और सामाजिक जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाएं सुनिश्चित करने के लिये सार्वजनिक आपातकाल की स्थिति लागू की गई है। यह भी “सार्वजनिक सुरक्षा कानून” द्वारा राष्ट्रपति को दिया गया अधिकार भी है।
“सार्वजनिक सुरक्षा कानून” की संबंधित धाराओं के अनुसार सार्वजनिक आपातकाल की स्थिति में राष्ट्रपति के पास आपातकालीन फरमान जारी करने की शक्ति है, जिसमें लोगों को हिरासत में लेना, घरों की तलाशी लेना और संपत्ति पर कब्जा करना आदि शामिल हो सकता है।
साथ ही, श्रीलंकाई पुलिस ने 1 अप्रैल की रात से 2 अप्रैल की सुबह छै बजे तक कोलंबो समेत पश्चिमी प्रांत में कर्फ्यू लगाने की घोषणा की। विरोध प्रदर्शनों के कारण हुई झड़पों के कारण, श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के कुछ हिस्सों में 31 मार्च की शाम को कई घंटों के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था।
गौरतलब है कि श्रीलंका वर्तमान में विदेशी मुद्रा की कमी, सामग्री की कमी, बढ़ती कीमतों और बिजली आपूर्ति की कमी जैसी समस्याओं का सामना कर रहा है। वर्तमान में श्रीलंका हाल के कई वर्षों में सबसे बड़े बिजली आउटेज से पीड़ित हो रहा है। 31 मार्च और 1 अप्रैल को 12-13 घंटे तक देशव्यापी आउटेज हुआ।
चंद्रिमा