श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने 1 अप्रैल को देश में आपातकाल की घोषणा कर दी, जिससे सुरक्षा बलों को तत्काल प्रभाव से संदिग्धों को गिरफ्तार करने और हिरासत में लेने का अधिकार मिल गया है। राजपक्षे ने राजधानी कोलंबो में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों के इकट्ठा होने के बाद सार्वजनिक आपातकाल की घोषणा करते हुए राजपत्र जारी किया है और उनमें से कई ने आर्थिक नीतियों के खराब प्रबंधन के लिए सरकार के विरोध में राष्ट्रपति के आवास पर धावा बोलने की कोशिश की।राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने कहा कि उनका मानना है कि "श्रीलंका में सार्वजनिक आपातकाल लगाया गया है, जिसके लिए सख्त कानूनों को लागू करना आवश्यक है।" एक बयान के अनुसार, "देश में मौजूदा स्थिति और सार्वजनिक सुरक्षा के हित में सार्वजनिक व्यवस्था की सुरक्षा और समुदाय के जीवन के लिए आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं के रखरखाव को देखते हुए गजेट जारी किया गया है।"
आपको बता दें कि श्रीलंका कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। 2.2 करोड़ की आबादी वाला यह देश गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। विदेशी मुद्रा की कमी के कारण ईंधन जैसी आवश्यक चीजों की कमी हो गई है। रसोई गैस की कमी है और बिजली कटौती बेहद ज्यादा हो रही है। खाने-पीने के सामान के बढ़ते दाम और इसकी कमी के कारण लोग बेहाल हैं। एक दिन पहले राष्ट्रपति के घर पर धावा बोलने की कोशिश के दौरान भीड़ की पुलिस से लोगों की झड़प हुई। इसके बाद कम से कम 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
(रमेश शर्मा)