1 मार्च 1965 को, चीनी नागरिक उड्डयन के ल्हासा हवाई अड्डा की स्थापना हुई। इसके दूसरे दिन ही इल-18 विमान पेइचिंग से सछ्वान प्रांत की राजधानी छंगतु होकर तांगश्योंग हवाई अड्डे पहुंचा।
1 मार्च 2022 को तिब्बत में हवाई सेवा औपचारिक तौर पर शुरु होने की 57वीं वर्षगांठ है। उस दिन तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के नागरिक उड्डयन ब्यूरो के अनुसार, अब तक तिब्बत में 150 हवाई मार्ग खुल चुके हैं, जो 68 देसी-विदेशी शहरों से जुड़े हैं।
बताया गया है कि शुरु में तिब्बत में हवाई मार्ग केवल छंगतु से ल्हासा तक ही थी। महीने में केवल दो ही उड़ान होती थीं और उन उड़ानों की कोई ठोस तिथि भी नहीं होती थीं। पाँच महीने के बाद स्थिति में सुधार होने के बाद हर एक हफ्ते में एक उड़ान होने लगी। हालांकि उड़ानें कम हैं, नागरिक उड्डयन ने तिब्बत के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए मजबूत समर्थन प्रदान किया है।
तिब्बत नागरिक उड्डयन ब्यूरो के मुताबिक, पिछले 57 सालों में तिब्बत में नागरिक उड्डयन के विकास में विश्व ध्यानाकर्षक उपलब्धियां हासिल हुईं। साल 1965 से अब तक तिब्बत में हवाई अड्डों की संख्या एक से बढ़कर पाँच तक पहुंच गई, जिनमें ल्हासा शहर में कोंगका हवाई अड्डा, न्यिंगची प्रेफेक्चर में मिलीन हवाई अड्डा, छांगतु प्रिफेक्चर में पांगता हवाई अड्डा, आली प्रिफेक्चर में खुनशा हवाई अड्डा, और शिकाज़े क्षेत्र में हफिंग अड्डा शामिल हैं।
तिब्बत नागरिक उड्डयन ने "समुद्र सतह पर सबसे ऊँचाई पर सबसे कठिन क्षेत्र में सबसे लंबे समय तक सुरक्षित उड़ान समय" का रिकॉर्ड बनाया है, और एक सुरक्षित संचालन अनुभव का गठन किया, जो प्रतिलिपि प्रस्तुत करने योग्य है और बढ़ावा दिया जा सकता है।
जानकारी के मुताबिक, "14वीं पंचवर्षीय योजना" (2021-2025) के दौरान, तिब्बत 3 शाखा हवाई अड्डों का निर्माण करेगा और साथ ही साथ ल्हासा कोंगका हवाई अड्डे के दूसरे रनवे का निर्माण भी शुरू हो जाएगा। इस तरह तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में कुल 8 नागरिक हवाई अड्डे होंगे, और ल्हासा कोंगका हवाई अड्डे की परिवहन गारंटी क्षमता भी बड़ी हद तक उन्नत होगी, जिससे तिब्बती लोगों को और ज्यादा लाभ मिलेगा।
(श्याओ थांग)