प्राचीन हिमनद, बर्फीले पहाड़, और स्वच्छ बर्फ की झील इत्यादि, अद्वितीय प्राकृतिक जलवायु परिस्थितियों ने तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में समृद्ध बर्फ और हिम वाला पारिस्थितिक वातावरण बनाया है। चीन में पेइचिंग शीतकालीन ओलंपिक के साथ बर्फ-पर्यटन की गर्माहट जारी रही। तिब्बत में “बर्फ़ और हिम”पर्यटन को भी मौका मिल रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक, तिब्बत में हिमनद का क्षेत्रफल देश भर में हिमनद के कुल क्षेत्रफल का 48 प्रतिशत है। कहा जा सकता है कि बर्फ और हिम के तत्व तिब्बत पर्यटन का प्राकृतिक आधार है। तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के समग्र विकास संस्थान के प्रमुख छन कांग के मुताबिक, तिब्बत में हिमनद, बर्फबारी और अन्य प्राकृतिक दृश्य से बर्फ़-पर्यटन के विकास को अनूठा लाभ मिलता है। वर्तमान में तिब्बत में बर्फ़ पर्यटन में मुख्य तौर पर हिमनद देखना, साहसिक यात्रा करना और अनुभव सैर करना आदि शामिल है।
छन कांग ने कहा कि वर्तमान में चीन में बर्फ़ पर्यटन स्वर्णिम विकास काल में प्रवेश कर चुका है। तिब्बत के बर्फ़ पर्यटन को बड़ा अवसर भी मिलेगा। इधर के सालों में तिब्बत बर्फ़ पर्यटन के विकास पर जोर देता है, लगातार कई वर्षों में “सर्दियों में तिब्बत की यात्रा” शीर्षक उदार नीति अपनाता है। ग्राहकों को आकर्षक करने के लिए बर्फ़-हिम, गर्म झरना, तिब्बती चिकित्सा वाला स्नान आदि सर्दी में पर्यटन उत्पाद प्रदान करता है।
छन कांग के विचार में हिमनद पर्यटन के विषय और अनुभव को समृद्ध किया जा सकता है। हिमनद पारिस्थितिकी की लोकप्रिय विज्ञान साहसिक यात्रा, तारा अवलोकन, बायोमेट्रिक पहचान, ग्रामीण और जातीय रीति रिवाज़ का अनुभव आदि पर्यटन सेवा प्रदान की जा सकती है। उन्होंने कहा कि बर्फ़ और हिम पर्यटन अल्पसंख्यक लोगों का है, इस तरह बहु-उद्योग एकीकरण पर्यटन अनुभव को बढ़ाना जरूरी है। पारिवारिक यात्रा, माता-पिता-बच्चे की यात्रा आदि को बढ़ाने से स्वस्थ औद्योगिक रूप स्थापित होगा।
तिब्बत बर्फ पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ पारिस्थितिक संरक्षण को भी अत्यधिक महत्व देता है। स्वायत्त प्रदेश के समग्र विकास संस्थान के प्रमुख छन कांग ने कहा कि पारिस्थितिक लाभों, आर्थिक लाभों और सामाजिक लाभों के एकीकरण को साकार करके ही तिब्बत का बर्फ और हिम वाले पर्यटन को सतत विकास मिल सकेगा और इसका उज्ज्वल भविष्य होगा।
(श्याओ थांग)