अमेरिका द्वारा शिनच्यांग मुद्दे से चीन को नियंत्रित करने की चेष्टा निश्चय ही विफल होगी
चीन ने हाल ही में अमेरिका द्वारा घरेलू कानून के तहत शिनच्यांग के तथाकथित मानवाधिकार सवाल के बहाने से चार चीनी अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाने के प्रति चीन के विदेशी प्रतिबंध कानून के मुताबिक तत्काल से अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक मुक्ति समिति की अध्यक्ष नाडीन मेनजा समेत चार व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की।
अमेरिका ने चीनी अधिकारियों पर जो तथाकथित प्रतिबंध लगाया है ,वह पूरी तरह झूठ और फर्जी खबरों पर आधारित है ।एक अरसे से चीनी पक्ष ने बार बार शिनच्यांग के विकास का परिचय दिया है ,लेकिन अमेरिकी राजनीतिज्ञों ने जानबूझ कर उन की उपेक्षा कर झूठ गढ़ना जारी रखा है और चीन पर कलंक लगाने का प्रयास किया है ।उन का उद्देश्य शिनच्यांग के मुद्दे का प्रयोग कर चीन को नियंत्रित करना है ।
चीन ने जो चार अमेरिकियों पर प्रतिबंध लगाया है ,वे सब अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक मुक्ति समिति के हैं ।यह संगठन हमेशा चीन के प्रति पूर्वाग्रह रखते हैं और साल दर साल रिपोर्ट जारी कर चीन की धार्मिक नीतियों पर हमला करता है ।
इस अमेरिकी संगठन की अध्यक्ष नाडीन मेनजा ने कई बार शिनच्यांग व चीन संबंधी अफवाहें फैलायी हैं ।उन्होंने मीडिया को यह झूठ बताया कि लाखों उइगुर लोगों को तथाकथित कैंसेंट्रेशन सेंटर में रखा गया है ।उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में शिनच्यांग के मानवाधिकार सवाल पर जांच करने के लिए उकसाया है ।
शिनच्यांग के मुद्दे पर चीन किसी भी बाहरी शक्ति के हस्तेक्षप की अनुमति कतई नहीं देगा ।अमेरिका को यथाशीघ्र ही चीनी अधिकारियों के प्रति तथाकथित प्रतिबंध हटाना चाहिए ।चीन की प्रभुसत्ता ,सुरक्षा और विकास हितों पर नुकसान पहुंचाने वाले किसी भी तथाकथित मानवाधिकार उपदेशक को निश्चय ही कीमत चुकानी होगी ।(वेइतुंग)