ड्रोन हमले में शामिल अमेरिकी सैनिकों पर नहीं होगी कोई कार्रवाई
इस साल अगस्त महीने में अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में अमेरिकी सेना के ड्रोन हमले में कुछ स्थानीय लोग मारे गए। इस हमले में शामिल अमेरिकी सैनिकों को न तो कोई सजा दी गयी है और न उनकी जवाबदेही तय की गयी है। 13 दिसंबर को अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने इस बात की घोषणा की। विभिन्न पक्षों के लोगों ने इस बात पर गुस्सा और असंतोष प्रकट किया। 14 दिसंबर को सीजीटीएन के संवाददाता के साथ इंटरव्यू में अफगान तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिदी ने कहा कि उक्त ड्रोन हमले के पीड़ितों के परिजनों को मुआवज़ा दिया जाना चाहिये। साथ ही अमेरिका सरकार को अपने आपराधिक व्यवहार की जिम्मेदारी लेनी चाहिये।
इस 29 अगस्त को अमेरिकी ड्रोन ने काबुल में एक कार पर हवाई हमला किया। इसमें 7 बच्चों समेत 10 अफगान नागरिकों की मौत हो गयी। अमेरिका ने इस हमले के प्रति बार-बार “खेद प्रकट किया”, लेकिन अंत में व्यावहारिक कार्रवाई से अपना पाखंडी और गैर-जिम्मेदार रवैया दिखाया है।
जबीउल्लाह मुजाहिदी ने कहा कि इन निर्दोष लोगों के परिवारों को मदद दी जानी चाहिये, जिन्हें बेरहमी से मारा गया। अमेरिका को इन परिवारों को मुआवज़ा देना चाहिये। यह अफगान लोगों की आवश्यकता और आदेश है, जिसकी अमेरिका द्वारा अनदेखी की गयी है। दुनिया भर के तमाम क्षेत्रों में अमेरिका ने इस तरह की कार्यवाही की। अब घोषणा की कि ड्रोन हमले में भाग लेने वाले अमेरिकी सैनिकों को दंडित नहीं किया जाएगा। पिछले 20 सालों में अमेरिका ने तमाम निर्दोष अफगान लोगों को मारा। अफगान नागरिकों को मुआवज़ा देना अमेरिका का नैतिक दायित्व है।
पीड़ितों के परिजन ऐमल अहमद ने कहा कि अमेरिका ने कई बार अपनी गलती मानी है, लेकिन अब हमलावरों को सज़ा नहीं दे रहा है।
वहीं एक अन्य व्यक्ति अजमल अहमद ने कहा कि अमेरिका सरकार ने पीड़ितों के परिजनों को मुआवज़ा देने का वादा किया था। अमेरिका की जिम्मेदारी इन परिवारों को खतरे से बाहर निकालने में मदद करने की है। अमेरिका को अपना वादा पूरा करना चाहिये। लेकिन हर बार अमेरिका जिम्मेदारी से बचने के लिये नए बहाने ढूंढता है।
स्थानीय नागरिक जहुन अहमद ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में एक न्याय संगठन को इस हमले से संबंधित बातों का व्यापक सर्वेक्षण करना चाहिये। साथ ही उन्हें इस बात का फैसला करना चाहिये कि अमेरिका दोषी है या नहीं। अमेरिकी सेना द्वारा किये गए हवाई हमले के कारणों की जांच होनी चाहिए। साथ ही संबंधित हमलावरों को सजा देनी चाहिए।
(हैया)