तिब्बत में आए परिवर्तन अनगिनत है - ल्हासा में पूर्व नेपाली कौंसल जनरल

2021-08-21 18:12:02

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साल 2003 से 2007 तक, लीलामणि पौडयाल तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा में नेपाली कौंसल जनरल रहे। हाल ही में उन्होंने चीनी समाचार एजेंसी शिन्हुआ को दिए एक इंटरव्यू में अपने कार्यकाल में तिब्बत में आए परिवर्तनों की चर्चा की और कहा कि तिब्बत में इतना परिवर्तन हुआ है कि उसकी गणना करना मुश्किल है।

पौडयाल ने कहा कि तिब्बत में उन्होंने गांव-गांव में मिट्टी से बने मकानों से सीमेंट के भवनों तक के परिवर्तन को देखा, प्लास्टिक ग्रीनहाउस में उगाई जाने वाली सब्जियों को देखा, नदी के किनारे और बंजर भूमि पर छोटे वृक्षों के रोपण को देखा है।

तिब्बत में उन्होंने कुछ हाई-स्पीड मार्ग के निर्माण-स्थल का दौरा किया, जिससे वे बहुत प्रभावित हुए। साल 2005 में तिब्बत में एक मात्र अंतर्राष्ट्रीय राजमार्ग, यानी तिब्बत से काठमांडू तक जाने वाले चीन-नेपाल राजमार्ग के यात्री लाइन का परिचालन शुरु हुआ। इस परियोजना को आगे बढ़ाने के कार्य में पौडयाल ने भाग लिया, अभी भी इसकी चर्चा करते हुए उन्हें गर्व होता है।

पौडयाल चीन-नेपाल सीमा पार रेलवे के संरक्षक और प्रमोटर भी हैं। साल 2019 में चीन और नेपाल ने चीन-नेपाल सीमा पार रेलवे का व्यवहार्यता अध्ययन शुरू करने की घोषणा की। पौडयाल ने कार्य के लिए छिंगहाई-तिब्बत रेल गाड़ी के माध्यम से ल्हासा से पश्चिमोत्तर चीन के शैनशी प्रांत की राजधानी शीआन की यात्रा की। उन्होंने कहा कि "यह वह यात्रा है जो उन्हें अपने जीवन में सबसे ज्यादा उत्साहित करती है।"

सड़क सेवा सुविधापूर्ण होने के बाद तिब्बत की यात्रा करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे नेपाल को भी लाभ मिलता है। ल्हासा से नेपाल तक पर्यटकों की बढ़ोतरी इसे प्रतिबिंबित करती है।

पौडयाल को पक्का विश्वास है कि नेपाल और चीन के बीच बेहतरीन संबंध कायम रखना, नेपाल और तिब्बत स्वायत्त प्रदेश के बीच सहयोग को गहराना अपने देश की समृद्धि के लिए मददगार सिद्ध होगा। उनका एक ही सपना है कि वे एक दिन काठमांडू से ट्रेन से ल्हासा की यात्रा करेंगे। वह अवश्य ही अपनी अतीत की छिंगहाई-तिब्बत रेल यात्री से अधिक अविस्मरणीय होगी।    

(श्याओ थांग)

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