भारत में प्रसिद्ध प्राचीन वास्तुकला -- ताजमहल
ताजमहल (फोटो स्रोत: भारत के पर्यटन मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट)
ताजमहल को बनवाने वाले मुग़ल शासक शाहजहां ने कहा था, “इसे देखकर सूरज व चांद की आंखों से अश्रु बहने लगेंगे।“ नोबल पुरस्कार विजेता महाकवि रविंद्रनाथ टैगोर ने इसका उल्लेख ‘‘काल के गाल पर अश्रु’’ के रूप में किया था। हर साल हज़ारों की संख्या में दुनिया भर से पर्यटक संगमरमर से बने इस नायाब स्मारक को देखने यहां आते हैं। उनमें से अनेक पर्यटक इसे मानव द्वारा निर्मित सुंदर इमारत मानते हैं।
मुग़ल शासक शाहजहां ने अपनी दिवंगत बेग़म मुमताज़ महल की याद में ताजमहल का निर्माण करवाया था। विश्व के सात अजूबों में से एक ताजमहल, न केवल आगरा में अपितु समस्त भारत में स्थित प्रतिष्ठित स्मारकों में से एक है। यूनेस्को की विरासत धरोहरों की सूची में सम्मिलित ताजमहल का वर्णन भारत में रचित लगभग प्रत्येक साहित्य में मिलता है। यह देश के विख्यात ऐतिहासिक स्मारकों में से एक है। ऐसी भी मान्यता है कि इसका नाम फ़ारसी भाषा से लिया गया है। ताज का मतलब मुकुट तथा महल का मतलब दुर्ग होता है अर्थात् यह महलों का ताज कहलाता है। रोचक तथ्य यह है कि, जिस रानी के याद में यह महल बनवाया गया था उसका वास्तविक नाम आरज़ूमंद बेग़म था, जिसका नाम मुमताज़ महल यानी कि महलों का ताज़ रखा गया।
यद्यपि यह स्मारक प्रेम के प्रतीक के रूप अधिक प्रसिद्ध है, परंतु यह अपनी मृतक रानी की याद में एक राजा का शोक है। एक अन्य किंवदंती के अनुसार ताजमहल एक शासक के रूप में शाहजहां की दृष्टिकोण का द्योतक है। कथा के अनुसार वह एक ऐसा निर्माण कराना चाहता था जो धरती पर जन्नत से लाया गया, शानदार, अद्भुत सुंदर स्मारक हो, जिसने ऊपर वाले के बाद मुग़ल बादशाह की शक्ति व उसके कथित देवत्व को ही स्थापित करने का कार्य किया।