फोरम फॉर न्यू साउथ एशिया के अध्यक्ष सुधींद्र कुलकर्णी के साथ हुए साक्षात्कार

2021-07-02 09:44:21

चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीसी) शतायु हो चुकी है, वास्तव में यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह कोई साधारण घटना नहीं है। दुनिया के राजनीतिक इतिहास में ऐसी बहुत कम पार्टियां होंगी जिन्होंने लगातार 100 साल बिना विघटन के पूरे किये होंगे, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सलाहकार रहे सुधींद्र कुलकर्णी ने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के साथ खास बातचीत में यह बात कही।

साल 1998 और 2004 के बीच प्रधानमंत्री कार्यालय में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के करीबी सहयोगी के रूप में कार्य करने वाले सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी एक ऐसी पार्टी है जो अपनी एकता को बरकरार रखते हुए आगे बढ़ रही है, और इन 100 सालों में चीन एक पिछड़े देश से परिवर्तित होकर अब हर मायने में एक विकसित देश के रूप में उबर रहा है।

उन्होंने यह भी कहा कि चीन आज विश्व में दूसरा बड़ा समृद्ध देश बना हुआ है, और इसमें कोई संदेह नहीं कि आगे 7-8 सालों में (इस दशक के पूर्ण होने से पहले) चीन अमेरिका को भी पीछे छोड़ देगा और दुनिया में सबसे बड़ा समृद्ध देश बन जाएगा।

फोरम फॉर न्यू साउथ एशिया के अध्यक्ष और संस्थापक सुधींद्र कुलकर्णी ने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की 100 साल की यात्रा में जो सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित किया है, वह है कि इतनी कठिनाइयां झेलते हुए भी एक पार्टी अपने अनुभवों से सिखते हुए, दुनिया में जो हो रहा है उससे सिखते हुए, हमेशा प्रयोगशील रहते हुए, अपने आपको बदलते हुए देश को प्रगति के पथ पर आगे ले गई, और चीनी जनता के जीवन में सुख-समृद्धि लाने में यशस्वी रही। वास्तव में, यह उसकी सबसे बड़ी उपलब्धि है।

फोरम फॉर न्यू साउथ एशिया नामक संस्था के जरिये सुधींद्र कुलकर्णी सक्रिय रूप से भारत-पाकिस्तान और भारत-चीन मित्रता को बढ़ावा देने के प्रयासों में लगे हुए हैं। वे भारत और चीन के बीच सहयोग की वकालत करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और चीन दोनों एशियाई देश हैं, साथ ही पड़ोसी राष्ट्र भी हैं। ये देश दुनिया के ऐसे दो राष्ट्र हैं जिनकी जनसंख्या 100 करोड़ से ज्यादा है इसलिए दोनों राष्ट्रों को अवश्य ही एक दूसरे से सीखना व सहयोग करना चाहिए।

स्वतंत्र सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता और लेखक सुधींद्र कुलकर्णी ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सबसे बड़ी उपलब्धि गिनवाते हुए कहा कि अभी-अभी यानी साल 2020 के अंत तक चीन में अति-गरीबी को पूर्ण रूप से उन्मूलन किया जाना सबसे बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि भारत में कई दशकों से“गरीबी हटाओ”नारा देते आये हैं। हालांकि, भारत में भी गरीबी हटी है, फिर भी हमारे यहां आज भी एक बहुत बड़ा तबका है जो गरीबी से जूझ रहा है। लेकिन चीन एक ऐसा देश है जिसने पिछले 4 दशकों में लगभग 80 करोड़ लोगों को गरीबी से ऊपर उठाया है।

उन्होंने आगे कहा कि जब चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग 2012 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव बने और चीन के अध्यक्ष बने तब उन्होंने एलान किया था कि साल 2020 के अंत तक चीन में गरीबी नहीं रहेगी। मैं समझता हूं कि सीपीसी की यह बहुत बड़ी उपलब्धि है जिसने मुझे अधिक प्रभावित किया है।

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