संयुक्त राष्ट्र संघ के अफ़गानिस्तान में स्थित विश्व अनाज कार्यक्रम के प्रतिनिधि ने हाल ही में यह चेतावनी दी कि 98 प्रतिशत अफ़गान लोग भूख से पीड़ित हैं। अफ़गानिस्तान के सामने भूख व गरीबी की समस्या हिमस्खलन की तरह है।
विश्व अनाज कार्यक्रम के प्रवक्ता थॉमसन फेरी ने कहा कि इस संकट को आपदा बनने से रोकने के लिए हमें बहुत काम करना होगा। अफ़गानिस्तान में स्थित हमारे प्रतिनिधि के अनुसार वहां की स्थिति बहुत गंभीर है। भूख व गरीबी हिमस्खलन की तरह आ रही हैं।
इस वर्ष के अगस्त में अफ़गान तालिबान ने राजधानी काबुल पर नियंत्रण किया। इसके बाद तमाम विदेशी सहायता अचानक रुक गयी। साथ ही अमेरिका ने सेंट्रल बैंक ऑफ अफगानिस्तान की करीब 9.5 अरब डॉलर की संपत्ति फ्रीज कर दी है। जिससे अफ़गानिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था और खराब हो गयी है। अफ़गान तालिबान ने कई बार अमेरिका से फ़ंड अनफ़्रीज करने का आग्रह किया। लेकिन अमेरिका ने इससे इनकार किया। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अफ़गानिस्तान में गरीबी का संकट दिन-ब-दिन गंभीर हो रहा है। कीमतों के बढ़ने से अब बहुत से लोग भोजन और ईंधन जैसी बुनियादी ज़रूरतों को नहीं खरीद पा रहे हैं। अधिकतर अफ़गान लोगों, खास तौर पर बच्चों को भूख व कुपोषण का सामना करना पड़ रहा है।
चंद्रिमा