भारतीय मीडिया से मिली खबर के अनुसार 8 दिसंबर को हुई हेलीकाप्टर दुर्घटना में भारतीय रक्षा स्टाफ के प्रमुख बिपिन रावत की मृत्यु हो गयी। बाद में भारतीय वायु सेना ने भी इस बात की पुष्टि की कि इस दुर्घटना में रावत तथा उनकी पत्नी दोनों की मौत हुई है।
क्योंकि इससे पहले रावत ने बल देकर कहा था कि चीन भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है। वे भारत में चीन को सार्वजनिक रूप से इस तरह परिभाषित करने वाले पहले सैन्य शीर्ष जनरल थे। पर चीन भारत को दुश्मन नहीं मानता। साथ ही रावत की मृत्यु के प्रति सहानुभूति भी व्यक्त की गयी।
लेकिन कुछ न कुछ लोग हमेशा साजिश के सिद्धांत बनाने में खूब मज़ा लेते हैं। उन्होंने जानबूझकर इस दुर्घटना को चीन से जोड़ा है। यदि आप ध्यान से इसके बारे में सोचते हैं, तो आपको ज़रूर लगता है कि यह कथन बहुत ही हास्यास्पद है। पहला, हेलीकाप्टर दुर्घटना दक्षिण भारत के तमिलनाडु प्रदेश में हुई, जो चीन-भारत की सीमा से बहुत दूर है। अगर यह चीन द्वारा किया गया हमला है, तो चीन की सैन्य ताकत अविश्वसनीय रूप से शक्तिशाली हो गयी है। शायद खुद चीनियों को भी इस बात का भरोसा नहीं है कि वे इतने सटीक निशाने पर इतनी लंबी दूरी तक हमला कर सकते हैं।
और एक संदेह यह है कि इस दुर्घटना के पीछे चीन की मंशा क्या है?कोई नहीं बता सकता। क्योंकि यह बिल्कुल चीन का हाथ नहीं है। यह केवल एक आकस्मिक घटना है, जो चीन से कोई संबंध नहीं है।
ध्यानाकर्षक बात यह है कि भारतीय सैन्य हेलीकाप्टर तो अपने शीर्ष जनरल की जान की रक्षा नहीं कर सकता, क्या इस बात से यह जाहिर हुआ है कि भारतीय सैन्य उपकरणों की विश्वसनीयता पर कुछ न कुछ समस्या होती है?क्योंकि इस तरह की दुर्घटनाएं भारत में एक से अधिक बार हो चुकी है। वर्ष 2019 में भारत का एक लड़ाकू विमान दक्षिण भारत के बैंगलोर के ऊपर एक अभ्यास के दौरान दूसरे विमान से टकरा गया। एक पायलट की मौत हुई और दो घायल हुए। वर्ष 2017 में भारत का एक एमआई-17 हेलीकॉप्टर उत्तर-पूर्व में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें कम से कम पाँच लोग मारे गये। और वर्ष 2015 में भारत का एक अर्धसैनिक विमान नयी दिल्ली में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें दस सैनिक मारे गये।
वास्तव में पिछड़ापन तो भारत का सब से बड़ा दुश्मन है, चीन तो नहीं।
चंद्रिमा