भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 6 दिसंबर की शाम को भारत की राजधानी नई दिल्ली में मुलाकात की। दोनों देशों के नेता अर्थव्यवस्था, व्यापार, ऊर्जा, रक्षा आदि क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमत हुए।
गौरतलब है कि पुतिन ने 6 दिसंबर को अपनी भारत यात्रा शुरू की और भारत और रूस के नेताओं की 21वीं वार्षिक बैठक में भाग लिया। कोरोना महामारी के फैलने के बाद दोनों देशों के नेताओं के बीच यह पहली ऑफ़लाइन बैठक है।
बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान के अनुसार, भारत और रूस के नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश 2025 तक द्विपक्षीय व्यापार में 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने के लक्ष्य को हासिल करने का प्रयास करेंगे, स्थानीय मुद्रा में द्विपक्षीय समझौते को बढ़ावा देना जारी रखेंगे, तेल और प्राकृतिक गैस के क्षेत्र में व्यापक सहयोग को बढ़ावा देंगे, ब्रिक्स के ढांचे के भीतर सहयोग और समन्वय को मजबूत करेंगे और शांगहाई सहयोग संगठन के अंतरराष्ट्रीय मामलों में ज्यादा भूमिका संभालने का समर्थन करेंगे।
भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मीडिया को बताया कि द्विपक्षीय व्यापार और निवेश को मजबूत करना भारतीय-रूसी नेताओं की बैठक का एक प्रमुख मुद्दा है, विशेष रूप से इस साल द्विपक्षीय व्यापार के विकास के संदर्भ में भविष्य में दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश सहयोग का विस्तार देखने लायक है। बैठक के बाद, दोनों देशों ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, उच्च शिक्षा, बौद्धिक संपदा, सैन्य प्रौद्योगिकी सहयोग, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और बाहरी अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण उपयोग से जुड़े 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
(नीलम)