1 जुलाई को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की 100वीं वर्षगांठ मनाने वाले सम्मेलन में चीन के शीर्ष नेता शी चिनफिंग ने घोषणा की कि चीन में खुशहाल समाज का निर्माण पूरा हुआ है। खुशहाल समाज क्या है? इसका उत्तर चीनी लोगों के वस्त्रों से मिलता है।
दादी सछ्य्वी ल्हासा की तांगश्योंग काउंटी के वूमा जिले में नालोंग गांव की चरवाह है। उनका जन्म सन् 1929 में बुलपेन में हुआ। उन्होंने बताया कि बचपन में उनके पास केवल भेड़ के चमड़े से बनी एक जैकेट थी। दिन में वह कपड़ा था और रात में रज़ाई थी। सर्दियों में मात्र एक ही कपड़ा होता था। अब दादी सछ्य्वी 90 से अधिक वर्ष की हो गई हैं। वह आज न सिर्फ़ अच्छे कपड़े पहनती हैं, बल्कि अच्छा खाना भी खाती हैं।
चीन में खुशहाल समाज के निर्माण के चलते तिब्बती लोगों के जीवन स्तर में उल्लेखनीय उन्नति हुई है। वस्त्रों के परिवर्तन से साफ नजर आता है। “कई ऋतुओं में एक ही कपड़े” से “एक ही ऋतु में कई कपड़े” तक का परिवर्तन हो गया है। इधर के सालों में तिब्बती लोगों के पास वस्त्र वाली समस्या पूरी तरह दूर हो गई है, इसके साथ ही वस्त्र और आभूषण को एक उद्योग के रूप में विस्तार किया जा रहा है। वस्त्र और आभूषण बनाने के दौरान पारंपरिक कौशल बनाए रखने के साथ-साथ आधुनिक फैशन तत्व भी शामिल होता है, जिसे युवा लोगों को पसंद ही नहीं, दुनिया भर में लोकप्रियता भी मिली है। वर्तमान में वस्त्र आभूषण उद्योग तिब्बती किसान और चरवाहों के अतिरिक्त आय को प्राप्त करने का महत्वपूर्ण तरीकों में से एक बन गया है।
(श्याओ थांग)