वूहान वासियों का जीवन सामान्य, किसी को भय नहीं : वुहान स्थित भारतीय विद्यार्थी
“हमारा जीवन स्थिर है, समाज में भय का आलम नहीं है। सरकार का कामकाज व्यापक तौर पर अच्छे ढंग से चल रहा है।”वूहान के हुआचोंग कृषि विश्वविद्यालय में पीएचडी करे रहे भारतीय विद्यार्थी रोहित त्यागी ने चाइना मीडिया ग्रुप (सीएमजी) के संवाददाता को दिए एक इन्टरव्यू में यह बात कही।
चीन में करीब 4 साल से रह रहे रोहित त्यागी ने कहा, “अभी वूहान में करीब 250 से 300 भारतीय लोग रहते हैं, जिनमें 150 से 200 विद्यार्थी हैं। नए कोरोना वायरस निमोनिया की स्थिति पैदा होने के बाद बड़ी संख्या में चिकित्सीय दल वूहान की सहायता करने के यहां पहुंचे हैं।”
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय और स्थानीय प्रबंधन विभागों ने सहायता के लिए हॉटलाइन खोली हैं। सभी को मास्क पहनने, ज्यादा गर्म पानी पीने, कीटाणुनाशक का प्रयोग करने और बाहर कम जाने की हिदायत दी गई है।
जैविक विज्ञान में पीएचडी कर रहे रोहित त्यागी ने यह भी कहा कि अभी महामारी से संबंधित नवीनतम ख़बरें बहुत ही सामयिक तौर पर उन सभी तक पहुंचायी जा रही हैं। उन्हें ख़बरों से जानकारी मिली है कि महामारी से निपटने के लिए वूहान में दो ख़ास अस्पतालों का निर्माण किया जा रहा है, जहां 2 हजार से अधिक बिस्तर मुहैया करवाये जाएंगे, जिनका प्रयोग ख़ास तौर पर नए कोरोना वायरस निमोनिया रोगियों के इलाज के लिए किया जाएगा।
रोहित के विचार में चीन सरकार के ये कदम प्रशंसनीय हैं। इस तरह संक्रमित लोगों को प्रमुख सामाजिक समुदायों से अलग किया जा सकेगा और आम नागरिकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की गारंटी दी जाएगी।
इस समय वूहान में सार्वजनिक यातायात सेवा बंद है। रोहित के विचार में यह महामारी की रोकथाम और अंकुश लगाने के लिए बहुत जरूरी कदम है। वह चीन सरकार के इस फैसले का समर्थन करते हैं।
इन्टरव्यू में रोहित ने यह भी बताया कि स्थानीय प्रबंधन विभाग विदेशी विद्यार्थियों की हरसंभव मदद कर रहा है। उनकी जरूरतों को ध्यान में रखा जा रहा है, साथ ही उनकी यूनिवर्सिटी में रोजमर्रा की चीज़ों और खाने-पीने की चीज़ों जैसे, फल, सब्जियां आदि की आपूर्ति को पर्याप्त बनाया जा रहा है।
रोहित ने इंटरव्यू में यह भी कहा कि इस तरह का लॉकडाउन केवल अस्थाई तौर पर है, लेकिन उन्हें और अन्य सभी विदेशी विद्यार्थियों को पूरा विश्वास है कि यह महामारी जरूर जल्द-से-जल्द दूर हो जाएगी और जीवन फिर से सामान्य बन जाएगा।
(श्याओ थांग)