प्रोफ़ेसर“बच्चन”

2020-01-26 13:49:47 CRI

प्रोफ़ेसर शशिकांत पेडवाल पुणे में एक सरकारी इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, लोनावाला पुणे में पढ़ाते हैं लेकिन प्रोफ़ेसर पेडवाल एक खास कारण से बहुत मशहूर हैं, और वो है उनके लुक्स और उनकी आवाज़, इसके साथ साथ इनके चलने, बात करने का तरीका, यहां तक कि उनके चेहरे के हाव भाव भी हू ब हू सदी के महानायक अमिताभ बच्चन से मिलते हैं। हुआ यूं कि दसवीं कक्षा में पढ़ाई करने के दौरान इनके कुछ मित्रों ने इनसे कहा कि तुम्हारी आवाज़, लंबाई और शक्ल अमिताभ बच्चन से मिलती है। उसके बाद से प्रोफ़ेसर शशिकांत ने अमिताभ बच्चन की हेयर स्टाइल, बोलना, चलना और देखने का अंदाज़ कॉपी करना शुरु किया, और आज पेडवाल जी को 30 वर्ष हो गए हैं अमिताभ बच्चन की नकल करते करते। ये कई बार कॉर्पोरेट फिल्मों में काम करते हैं, कुछ विज्ञापनों में काम कर चुके हैं, और तो और कई समारोहों में अमिताभ बच्चन के हमशक्ल बनकर भी जा चुके हैं, लेकिन समारोह के अंत में जब ये लोगों को बताते हैं कि ये अमिताभ बच्चन नहीं बल्कि प्रोफ़ेसर शशिकांत पेडवाल हैं तो लोग इनकी बातों पर ये कहकर यकीन करने से मना कर देते हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है, आपकी आवाज़, चेहरा और लंबाई सबकुछ कैसे अमिताभ से मिल सकता है।

सीआरआई से हुई खास बात में प्रोफ़ेसर शशिकांत ने बताया कि वो अमिताभ की आवाज़ की नकल तो वर्ष 1991 से कर रहे हैं लेकिन अमिताभ का आवरण उन्होंने दस वर्ष पहले धारण किया, और सबसे पहले महाराष्ट्र के जलगाँव के एक कार्यक्रम में अमिताभ बच्चन के गेट अप में गए थे, वहां पर सारे लोगों को ये महसूस हुआ कि खुद अमिताभ बच्चन इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे हैं।

वैसे प्रोफेसर पेडवाल कई प्रचार फ़िल्में कर चुके हैं, साथ ही दो मराठी फ़िल्मों में काम करने के बाद हिन्दी फ़िल्म में काम करने वाले हैं, इसके साथ ही टिक टॉक शॉर्ट वीडियो में भी इनके ढेरों छोटे छोटे वीडियो लोगों में वायरल हो रहे हैं।

भविष्य के बारे में प्रोफ़ेसर पेडवाल अपने अमिताभ बच्चन के आवरण के साथ सामाजिक कार्य करना चाहते हैं जैसे युवाओं को प्रोत्साहित करना, उन्हें भविष्य में कुछ अच्छा करने के लिये प्रोत्साहित करना साथ ही उन्हें ये बताना कि बुढ़ापे में अपने माता पिता को वृद्धाश्रम में नहीं रखना चाहिए, प्रोफ़ेसर शशिकांत एक वृद्धाश्रम की स्थापना करना चाहते हैं जिसके लिये वो देश के युवाओं और वृद्ध लोगों के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं जिससे बुढ़ापे में लोग माता पिता को नहीं छोड़ें और अपने पास रखें, और जो लोग अपने माता पिता को अपने पास किसी कारण से नहीं रखना चाहते हैं उनके लिये प्रो. पेडवाल वृद्धाश्रम बनाना चाहते हैं।

ऐसी अच्छी सोच के साथ जब कोई व्यक्ति भविष्य के सपने बुनता है तो एक दिन वो देश और समाज को कुछ अच्छा ज़रूर देता है और इसके साथ ही वो कई लोगों के लिये कुछ नया करने का प्रेरणा स्रोत भी बनता है।

(पंकज श्रीवास्तव)

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