मानसिक स्वास्थ्य - वर्ष 2019 में योग का मुख्य विषय
हर वर्ष 21 मई को दुनिया भर में विश्व योग दिवस मनाया जाता है। 21 जून 2019 को चीन के पेइचिंग और शांगहाई सहित दूसरे शहरों में योग दिवस उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस मुद्दे पर सीआरआई ने शांगहाई में भारत के कांसुलेट जनरल श्री अनिल राय जी से खास बात की, श्री अनिल राय ने योग दिवस को लेकर कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी जिसके तहत उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने योग को बेहतर स्वास्थ्य के लिये एक पारंपरिक पद्धति का दर्जा दिया है। योग बेहतर मस्तिष्क और शरीर के अनुशासन की तरह है जिसे युनेस्को ने भी एक अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर का दर्जा दिया है। पूरी दुनिया में योग सिखाने के लिये कई जगहों पर योग केन्द्र खोले गए हैं जो व्यावसायिक तौर पर लोगों को योग सिखाने का काम कर रहे हैं। इसके साथ साथ योग के प्रति उत्साही लोग भी दिन रात योग के प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं।
अनिल राय जी ने बताया कि पाँच वर्ष पहले 21 जून को 177 देशों ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर योग के महत्व को पहचाना 21 जून को विश्व योग दिवस के रूप में नई पहचान दी।
योग दिवस पर इस बार का विषय मानसिक स्वास्थ्य है, मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति, खराब सेहत की वजहों में से एक है। मानसिक बीमारी उन्नत और उन्नतिशील देशों में समान रूप से महामारी का रूप ले चुकी है। इस विषय पर वैज्ञानिक अध्ययन में पता चला है कि पूरे विश्व में दस फीसदी लोग मानसिक बीमारियों से ग्रस्त हैं और इस वजह से लोगों का जीवन औसतन पाँच वर्ष तक कम हो रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए इस बार मानसिक स्वास्थ्य और योग विशेषज्ञ अतुल त्यागी को आमंत्रित किया जा रहा है जो लोगों को मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी देंगे।
योग सिखाने के तौर तरीकों को लेकर वैश्विक स्तर पर समभाव बनाते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कुछ नियम तय किये हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के इस दस्तावेज़ से ये उम्मीद जगी है कि जो लोग योग सिखाने के काम में जुटे हैं उनके लिये ये शिक्षा के नियम तय करेगा जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य प्रशिक्षण में मदद मिलेगी।
फिलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन आयुर्वेद, यूनानी और पंचकर्म के लिये एक अलग नियम तय करने के काम में जुटा हुआ है जो भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का हिस्सा है।
ये दस्तावेज़ इन पारंपरिक ज्ञान और प्रणालियों के चिकित्सकों को पर्याप्त बुनियादी ढाँचे, संसाधनों, सुरक्षा और गुणवत्ता मानकों और तय प्रक्रियाओं के साथ अपने अभ्यास को स्थापित करने में सहायता करेंगे।
एक बार विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय नियम के लागू होने के बाद इससे वैश्विक स्तर पर योग को गुणवत्ता के साथ विश्व स्तर पर चिकित्सीय मार्गदर्शन के रूप में योग के उपयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।
पंकज श्रीवास्तव