20180825

2018-08-27 19:26:29 CRI

25 अगस्त 2018 आपकी पसंद 

पंकज -  नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, हर बार की तरह आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं आश्चर्यजनक, ज्ञानवर्धक और हैतरअंगेज़ जानकारियां, साथ में आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के फिल्मी गाने तो शुरु करते हैं आपकी पसंद। 

अंजली श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है, जुगसलाई टाटा नगर से इंद्रपाल सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, साबो भाटिया, सिमरन भाटिया, सोनक भाटिया, मनजीत भाटिया, बंटी भाटिया, जानी भाटिया, लाडो भाटिया, मोनी भाटिया, रश्मि भाटिया और पाले भाटिया ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म परवरिश (1958) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और मन्ना डे ने गीतकार हैं हसरत जयपुरी और संगीत दिया है दत्ताराम ने गीत के बोल हैं ------

सांग नंबर 1.  मस्ती भरा है समां ....

 

पंकज -  क्या अब लिवर ट्रांसप्लांट की ज़रूरत ही नहीं पड़ेगी?

किसी का लिवर अगर अचानक बिगड़ जाए तो उसे अब प्रत्यारोपण की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. एडिनबरा के वैज्ञानिकों का यह कहना है.

बिगड़े लिवर में ख़ुद को ठीक करने की प्राकृतिक क्षमताएं हैं. हालांकि कुछ मामलों में इन क्षमताओं को नुकसान पहुंचता है, जैसे कि कुछ गंभीर चोटें जिसमें अधिक मात्रा में दवाओं का लेना भी शामिल है.

यह इलाज एक कैंसर की दवा है जो लीवर की क्षमता को पहले जैसा बना देती है.

यह काम अपने शुरुआती चरण में है, लेकिन वैज्ञानिकों की टीम का कहना है कि प्रतिरोपण के इस विकल्प का लिवर के रोगियों पर बड़ा असर पड़ेगा.

ब्रिटेन में हर साल क़रीब 200 लोगों को लिवर की ख़तरनाक ख़राबी का सामना करना पड़ता है.

अंजली – मित्रों कार्यक्रम में हमारे अगले श्रोता हैं प्रियदर्शनी श्रोता संघ, बहादुरपुर, रथ चौक, ज़िला जलगांव, महाराष्ट्र से संतोष कुमार सोनार, नरेन्द्र दंडगव्हाल, रविन्द्र सोनाल, सन्नी, मुन्ना, बंडूदादा और इनके साथी आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म इंतकाम (1969) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं राजेन्द्र कृष्ण और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं -----

सांग 2.  गीत तेरे साज़ का तेरी ही आवाज़ हूं ......

पंकज -  21 वर्षीय स्टूडेंट नर्स कारा वाट को दो साल पहले लिवर प्रत्यारोपण की ज़रूरत थी.

वो केयर होम में थीं जब उन्हें बीमारी महसूस हुई और उनका चेहरा पीला पड़ने लगा.

जांच से पता चला कि उनकी लिवर में समस्या है जो और बिगड़ती ही जा रही है.

उन्हें एडिनबरा के इंटेंसिव केयर में रखा गया और बताया गया कि उन्हें लिवर प्रतिरोपण की ज़रूरत है. वो कहती हैं, "यह सुनना बहुत भयानक था."

वैज्ञानिकों का कहना है कि कारा जैसे लोगों से उनके काम में मदद मिलेगी.

अंजली – मित्रों कार्यक्रम में हमें अगला पत्र लिख भेजा है रंजन श्रोता संघ, सूर्यनगर, जीवधारा, पूर्वी चंपारन, बिहार से राजीव रंजन, रघुनाथ राम और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म पुकार (1999) का गाना जिसे गाया है उदित नारायण और हेमा सरदेसाई ने गीतकार हैं जावेद अख्तर और संगीत दिया है ए आर रहमान ने गीत के बोल हैं ------

सांग नंबर 3. हमराही जब हो मस्ताना ....

पंकज -  लिवर में 'सेनेसेंस' प्रक्रिया

वैज्ञानिकों की टीम ने लोगों के लिवर की यह जांच शुरू की है कि वे सुधार की क्षमता क्यों खो देते हैं.

उन्होंने पाया कि गंभीर चोटों की वजह से लिवर में तेज़ी से 'सेनेसेंस' प्रक्रिया शुरू हो गई.

सेनेसेंस प्रक्रिया में कोशिकाएं अक्सर समय से पहले बूढ़ी हो जाती हैं और उनका विभाजन थम जाता है या वो मर जाती हैं.

यह उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का हिस्सा है, लेकिन शोधकर्ताओं ने पाया कि गंभीर चोटें अंगों के माध्यम से फ़ैलने वाली संक्रामक स्थिति की तरह हैं.

'साइंस ट्रांसलेशन मेडिसिन' में प्रकाशित इस शोध में एक केमिकल सिग्नल भी मिला है जो इसके लिए ज़िम्मेदार मालूम पड़ता है.

शोधकर्ताओं ने फिर चूहे और प्रायोगिक कैंसर थेरेपी की मदद ली जिससे केमिकल सिग्नल को रोका जा सकता है.

अंजली – मित्रों समय के साथ साथ विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली है, पिछली शताब्दी में जहां कई लोग, प्लेग, टीबी, कुपोषण, मलेरिया से मारे जाते थे तो आज इन रोगों पर पूरी तरह काबू पाया जा सका है, लेकिन वैज्ञानिकों के सामने अब भी ढेरों चुनौतियां खड़ी हैं, जिस तरह से वैज्ञानिक नित नए शोध करते जा रहे हैं उससे तो यही लगता है कि आने वाले समय में इंसानों की औसत उम्र सौ साल के आस पास रहने वाली है ... इसी के साथ मैं उठा रही हूं अगला पत्र जो हमें लिखा है रामलीला मैदान,  सचेंडी से बाबा शिवानंद त्रिपाठी, शशि त्रिपाठी, मनू, तनू, सोनू, आलोक, शिवांश और रामा नंद त्रिपाठी ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म आनंद और आनंद (1984) का गाना जिसे गाया है अभिजीत ने गीतकार हैं अंजान और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ------

सांग नंबर 4.  मैं आवारा ही सही ....

पंकज -  इन्हें अधिक मात्रा में ड्रग्स दिया गया जिससे सामान्य तौर पर लिवर इतना ख़राब हो जाता है कि इससे मौत भी हो सकती है, लेकिन इलाज होने से वो बच गए.

शोधकर्ता इस उम्मीद में मरीज़ों पर दवा को फ़ौरन टेस्ट करना चाहते हैं कि यह लिवर प्रतिरोपण की ज़रूरत को कम कर सकता है.

सामान्य जीवन

एडिनबरा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं में से एक डॉक्टर थॉमस बर्ड ने कहा, "अच्छी बात यह है कि यह तब भी प्रभावी होता है जब आपको गंभीर रूप से चोट लगी हो, एक बार आपका लिवर फिर से विकसित हो जाए तो आप सामान्य जीवन जी सकते हैं."

अंजली – मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं खुरजा, उत्तर प्रदेश से तिलक राज अरोड़ा, प्रकाश अरोड़ा, चंदन अरोड़ा, अंकुश अरोड़ा और इनके मित्रजन आप सभी ने सुनना चाहा है फर्ज़ (1967) फिल्म का गीत जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं------
सांग नंबर 5. मस्त बहारों का मैं आशिक ....

पंकज -  वो कहते हैं, "अब गंभीर रूप से ख़राब हो चुके लिवर वाले मरीज़ों का क्लिनिकल परीक्षण करना और यह देखना चाहिए कि हम लिवर प्रत्यारोपण की आवश्यकता को कैसे रोक सकते हैं."

इससे न केवल अंग प्रत्यारोपण की लिस्ट से दबाव कम हो सकता है बल्कि मरीज़ों के जीवन में भी अंतर आ जाएगा.

कारा आज रोज़ाना 13 गोलियां लेती हैं, इनमें से अधिकांश उनके शरीर को नए लिवर को अस्वीकार करने से रोकने के लिए है.

वो कहती हैं, "अगर इस इलाज से लोगों को मदद मिलती है तो यह बहुत फ़ायदेमंद होगा."

शोध समूह जिसमें ग्लासगो का बीटसन इंस्टीट्यूट भी शामिल है, यह भी जांच कर रहा है कि 'सेनेसेंस' क्या लिवर से आगे भी फैलता है और क्या इससे प्रभावित होकर कई और अंग भी ख़राब हो सकते हैं.

वेलकम ट्रस्ट की लिंडसे केर कहती हैं कि यह शोध 'महत्वपूर्ण' है.

वो कहती हैं, "शोध से अब तक यही सुझाव मिलता है कि इस स्थिति का इलाज करने के लिए एक दवा का उपयोग किया जा सकता है जो लिवर प्रतिरोपण जैसी महत्वपूर्ण ऑपरेशन की आवश्यकता को कम करता है."

अंजली -  श्रोता मित्रों पिछले कुछ दिनों से हम ये देख रहे हैं कि हमारे श्रोताओं की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है और बड़ी संख्या में हमारे श्रोता ई मेल के ज़रिये हमें पत्र लिखते हैं, ये अच्छी बात है क्योंकि इससे न तो पत्र के देर से मिलने का झंझट रहता है और न ही कागज़ बर्बाद होता है। तो चलिये इसी के साथ मैं उठा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है असालतपुरा मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश से मोहम्मद फ़रीद अंसारी, मोहम्मद बिलाल अंसारी, मोहम्मद जुबैर अंसारी, इनके साथ हमें पत्र लिखा है करूला मुरादाबाद से ही मेराज अंसारी, वसीम अंसारी ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म ढोंगी (1979) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और आशा भोँसले ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 6. हाय रे हाय तेरा घुंघटा ....

 

पंकज -  तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

अंजली - नमस्कार। 

 

 

 

 

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