20180623

2018-06-25 14:12:44 CRI


पंकज -  नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, हर बार की तरह आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं आश्चर्यजनक, ज्ञानवर्धक और हैतरअंगेज़ जानकारियां, साथ में आपको सुनवाएंगे आपकी पसंद के फिल्मी गाने तो शुरु करते हैं आपकी पसंद।

 

अंजली श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है, दो अलग अलग जगहों से हमारे श्रोताओं ने इनमें एक हैं रामदेवड़ा, दिनेश चौहान और इनके परिजन जैसलमेर, राजस्थान से और दूसरे हैं उदयभान ठाकरे, दीपक ठाकरे, नवीन ठाकरे और इनके मित्रों ने आपने हमें पत्र लिखा है छिंदवाड़ा, मध्यप्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म चाइना गेट (1962) का गाना जिसे गाया है मोहम्मद रफ़ी ने गीतकार हैं मजरूह सुल्तानपुरी और संगीत दिया है रवि और गीत के बोल हैं -------

सांग नंबर 1.  बार बार देखो हज़ार बार देखो ... 

 

पंकज -  चांद से बढ़ती दूरी के कारण पृथ्वी पर लंबे होते जा रहे दिन, 1.4 अरब साल पहले 18 घंटे का होता था दिन
चांद के पृथ्वी से दूर जाने के कारण हमारे ग्रह पर दिन लंबे होते चले जा रहे हैं। एक हालिया शोध में यह रोचक जानकारी सामने आई है। शोध में कहा गया है कि 1.4 अरब साल पहले एक दिन केवल 18 घंटे का होता था।

शोध के अनुसार, 1.4 अरब साल पहले चांद अधिक करीब था। हालांकि एक लंबी अवधि के दौरान उसने पृथ्वी के चारों ओर घूमने के अपने तरीके में बदलाव किया। इसी कारण चांद से पृथ्वी की दूरी बढ़ती चली गई। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कांसिन-मैडिसन के प्रोफेसर स्टीफेन मेयर्स ने कहा कि जैसे-जैसे चांद पृथ्वी से दूर जा रहा है वैसे-वैसे धरती एक स्पिनिंग फिगर स्केटरकी तरह व्यवहार कर रही है जो अपनी बांहें फैलाने के दौरान अपनी गति कम कर लेता है।

 

अंजली – हमारे अगले श्रोता हैं रामलीला मैदान, सचेंडी से बाबा शिवानंद त्रिपाठी, शशि त्रिपाठी, मन, तनू, सोनू, आलोक, शिवांश और रामानंद त्रिपाठी आप सभी ने सुनना चाहा है अधिकार (1971) फिल्म का गाना जिसे गाया है आशा भोंसले और किशोर कुमार  ने गीतकार हैं रमेश पंत और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने और गीत के बोल हैं -------

 

सांग नंबर 2. कोई माने या ना माने .....

 

 

 पंकज -   यह शोध चांद के साथ पृथ्वी के गहरे इतिहास को दोबारा स्थापित करता है। दरअसल ब्रह्मांड में पृथ्वी की गति अन्य ग्रहों से प्रभावित होती है जो उस पर बल डालते हैं। वैज्ञानिकों ने लाखों वर्षों की अवधि में पृथ्वी की इस गति का अवलोकन किया और इससे वह पृथ्वी तथा चांद के बीच की दूरी और दिन के घंटों का पता लगा पाए। यह शोध प्रोसिडिंग्स ऑफ दी नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेजमें प्रकाशित किया गया।

 

पंकज -  एक ऐसा कैफ़े जहां पर सामान तोड़ने के लिये आते हैं लोग

हर किसी को गुस्सा आता है। कोई अपने गुस्से को जाहिर कर देता है तो कोई उसे पी जाता है। आपके गुस्से के गुबार को बाहर निकालने के लिए भारत में एक ऐसा कैफे खुल गया है जहां पर आप बेहिचक होकर मन की भड़ास निकाल सकते हैं। यहां पर न केवल आप चीख-चिल्ला सकते हैं बल्कि खुलेआम गालियां भी दे सकते हैं। यह कैफे मध्य प्रदेश के इंदौर में है जिसे लोग 'भड़ास कैफे' के नाम से जानते हैं।

अंजली – मित्रों कार्यक्रम में हमें अगला पत्र लिख भेजा है रंजन श्रोता संघ से राजीव रंजन, संतोष कुमार रंजन, श्वेता किरण, राजेश रंजन, कुमार अनुपम रंजन, कुमारी सोनम, कुमारी दिव्या, कुमारी सलोनी, कुमार दीपू और इनके मम्मी पापा आपने हमें पत्र लिखा है सूर्यपुर, पोस्ट जीवधारा, पूर्वी चम्पारण बिहार से और आपने सुनना चाहा है लगे रहो मुन्ना भाई (2006) फिल्म का गाना जिसे गाया है विनोद राठौड़, संजय दत्त और अरशद वारसी ने गीतकार हैं स्वानंद किरकिरे और संगीत दिया है शांतुनू मोइत्रा ने और गीत के बोल हैं -----

सांग 3. समझो हो ही गया ....

पंकज -  यह कैफे भारत में खुला इकलौता ऐसा कैफे है जहां पर कोई भी आकर अपना गुस्सा निकाल सकता है। यहां तक कि आपको भड़ास निकालते वक्त पूरी सुरक्षा भी दी जाएगी। खास बात यह है कि आपकी पहचान को भी गोपनीय रखा जाएगा। अपनी भड़ास आप तोड़फोड़ करके, चिल्लाकर और रो-कर भी निकाल सकते हैं। इसके साथ ही गाली-गलौच भी कर सकते हैं। दिलचस्प बात यह है कि आपकी इन हरकतों को कोई देखेगा भी नहीं। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि गुस्सा सबसे अधिक एनर्जी वाला नेगेटिव इमोशन है और इसे सही दिशा में मोड़ दिया जाए तो रचनात्मक एनर्जी बन सकती है। ऐसे में आप इस कैफे में आकर पेन्टिंग के अलावा वाद्य यंत्रों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। ऐसा करने से आप नेगेटिव इमोशन को सही दिशा की ओर मोड़ सकते हैं। देखते ही देखते यह कैफे फेमस हो गया है और आए दिन लोग यहां पर अपनी भड़ास निकालने के लिए आते हैं। 

 

अंजली -  हमारे अगले श्रोता हैं प्रियदर्शनी आकाशवाणी श्रोता संघ, से संतोषकुमार सोनार, नरेन्द्र दंडगव्हाल, रविन्द्र सोनार, सन्नी, मुन्ना, बंडूदादा ने आपने हमें पत्र लिखा है बहादुरपुर, रथ चौक, ज़िला जलगांव महाराष्ट्र से और सुनना चाहा है तेज़ाब (1988) फिल्म का गाना जिसे गाया है अमित कुमार और अनुराधा पौडवाल ने गीतकार हैं जावेद अख़्तर और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं -----

सांग नंबर 4.  कह दो कि तुम हो मेरी वर्ना ......

 

पंकज -  बिना छत और दीवारों वाला महंगा होटल

 

आज तक आपने एक से एक शानदार होटल देखा होगा लेकिन क्या आपने कभी ऐसा होटल देखा है जिसकी न तो दीवार है और न छत..? मजाक मत समझिए। इस अजीबोगरीब दुनिया में ऐसा ही अजीबोगरीब है ये होटल। जी हां, न तो इसमें आपको छत नजर आने वाली है और न दीवारें और न ही रिसेप्शन व बाथरूम। बस होटल में मिलेगा तो खुले आसमान के नीचे रखा एक बिस्तर।

हां, बिस्तर के अलावा कुछ टेबल और आपकी सेवा के लिए मेजबान मौजूद होंगे। बता दें, यह होटल स्विट्जरलैंड में स्थित है जिसका नाम है 'Null Stern', इसकी खासियत है की होटल का कमरा ऐसी लोकेशन पर है जिसे देखने के बाद आपको यहां रहने का मन होगा।

 

अंजली – और अब मैं उठाने जा रही हूं कार्यक्रम का अगला पत्र जिसे हमें लिख भेजा है जुगसलाई टाटानगर से इंद्रपाल सिंह भाटिया, इंद्रजीत कौर भाटिया, साबो भाटिया, सिमरन भाटिया, सोनक भाटिया, मनजीत भाटिया, बंटी भाटिया, जानी भाटिया, लाडो भाटिया, मोनी भाटिया, रश्मि बाटिया और पाले भाटिया ने आप सभी ने सुनना चाहा है अन्नदाता फिल्म (1972) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं योगेश और संगीत दिया है शलिल चौधरी ने और गीत के बोल हैं ---------

 

सांग नंबर 5. रातों के साए घने .....

 

पंकज -   जैसा कि आप फोटो में देख सकते हैं बेहद शानदार बिस्तर हरे-भरे पहाड़ों के बीचो-बीच लगा हुआ है। छत के रूप में आसमान है और दीवारों के रूप में हरियाली। स्विट्जरलैंड के 2 आर्टिस्ट फ्रैंक और रिकलिन ने इस होटल को बनाया है। धीरे-धीरे यह होटल फेमस हो गया और इसे पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। अगर आपका भी मन इस होटल में ठहरने का कर रहा है तो आपको एक रात के लिए 250 स्विस फ्रैंक्स यानी तकरीबन 17,000 रुपए खर्च करने पड़ेंगे। 

अंजली – अगला पत्र हमें लिख बेजा है कहारवाड़ी, राजपुर, मध्यप्रदेश से धीसू दिलवारे, लक्ष्मी दिलवारे, माधुरी दिलवारे, कुनाल दिलवारे और सोनाली दिलवारे ने आप सभी ने सुनना चाहा है राहगीर फिल्म (1969) फिल्म का गाना जिसे गाया है हेमंत कुमार ने गीतकार हैं गुलज़ार और संगीत दिया है हेमंत कुमार ने गीत के बोल हैं ------

सांग नंबर 6.  जनम से बंजारा हूं बंधु ....

 

पंकज -  तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

अंजली - नमस्कार। 

 

 

 

 


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