20171021

2017-10-24 15:02:41 CRI

 

पंकज -  नमस्कार मित्रों आपके पसंदीदा कार्यक्रम आपकी पसंद में मैं पंकज श्रीवास्तव आप सभी का स्वागत करता हूं, आज के कार्यक्रम में भी हम आपको देने जा रहे हैं कुछ रोचक आश्चर्यजनक और ज्ञानवर्धक जानकारियां, तो आज के आपकी पसंद कार्यक्रम की शुरुआत करते हैं। 

अंजली श्रोताओं को अंजली का भी प्यार भरा नमस्कार, श्रोताओं हम आपसे हर सप्ताह मिलते हैं आपसे बातें करते हैं आपको ढेर सारी जानकारियां देते हैं साथ ही हम आपको सुनवाते हैं आपके मन पसंद फिल्मी गाने तो आज का कार्यक्रम शुरु करते हैं और सुनवाते हैं आपको ये गाना जिसके लिये हमें फरमाईशी पत्र लिख भेजा है, बुद्ध रेडियो श्रोता संघ, आंबेडकर कॉलोनी, पोस्ट उमरी, ज़िला भिण्ड, मध्यप्रदेश से अनामदर्शी मसीह, सिद्धार्थ, राजकुमारी, एंजेल और इनके साथियों ने आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म शोले (1975) का गाना जिसे गाया है किशोर कुमार और मन्ना डे ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ------ 

 

सांग नंबर 1. ये दोस्ती हम नहीं छोड़ेंगे ..... 

पंकज -  नकारात्मक सोच से बचने के लिए ध्यान रखें ये 5 बातें

किसी भी काम में सफलता मिलेगी या असफलता ये इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति की सोच कैसी है।

1.    जब भी खुद से बातें करते हैं तो पॉज़िटिव अंदाज़ में बातें करनी चाहिए। ऐसा करने से हम आधी जंग खुद ब खुद जीत सकते हैं।

2.    अपनी छोटी सी कामयाबी और आदत को भी सेलिब्रेट करिये ऐसा करने से आपकी सोच सकारात्मक होगी और आपका मन भी खुश रहेगा।

 

अंजली – श्रोताओं आप समय समय पर हमें पत्र लिखते हैं और अपनी पसंद के गाने सुनवाने का अनुरोध हमसे करते हैं, इसी के तहत अब मैं आपका अगला पत्र उठाने जा रही हूं जो हमें लिख भेजा है अजय कुमार सिंह ने आपने अपने पत्र में अपना पता नहीं लिखा है, मित्रों हम आपसे कहना चाहते हैं कि कई बार आपके जो पत्र हमें मिलते हैं उनमें पता नहीं लिखा होगा, कभी आधा अधूरा पता होता है और कभी सिर्फ़ फ़रमाईशी गीत लिखे होते हैं, हम आपसे एक बार फिर कहना चाहते हैं कि आप अपना पता साफ साफ हमें लिखकर भेजें, अजय ने हमसे हीरो (1983) फिल्म के गाने की फरमाईश की है तो हम आपकी पसंद का गाना सुनवा रहे हैं, इसे गाया है अनुराधा पौडवाल और मनहर उदास ने, गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने गीत के बोल हैं ------ 

सांग नंबर 2.  तू मेरा हीरो है ..... 

पंकज – 3 -  हर वक्त परेशान रहने से कोई फ़ायदा नहीं होता, खुद को हंसने मुस्कुराने की आज़ादी दीजिये। समय समय पर दिल खोलकर खुलकर हंसिये।

3.    मुश्किल काम करने के लिये हमेशा तैयार रहना चाहिए इससे सोच सकारात्मक रहेगी।

4.    जो बीत चुका है उसे भूल जाना चाहिए, खासकर पुरानी गलतियों को। दिन में कुछ वक्त खुद से बातें करें। .......

 तो इन आदतों को अपनाकर आप खुद को सकारात्मकता से भर सकते हैं, और जब आपका मन अंदर से सकारात्मक रहेगा तो आप जीवन में बड़ी से बड़ी चुनौती को भी आसानी से झेल सकते हैं। 

काम के दौरान रहना है एक्टिव, तो आजमाएं ये तरीके

योग एक्सपर्ट पुष्पेन्द्र सोनी बता रहे हैं ऐसे ही 5 योग के फायदे और इन्हें करने के तरीकों के बारे में।

दिनभर ऑफिस में काम करने से थकान, स्ट्रेस और मसल्स पेन जैसी प्रॉब्लम्स होने लगती हैं। रोज ऐसा होने पर और भी कई तरह की हेल्थ प्रॉब्लम की आशंका बढ़ जाती है। अगर डेली रुटीन में हम कुछ योग करें तो इस प्रॉब्लम को कंट्रोल कर सकते हैं। योग एक्सपर्ट पुष्पेन्द्र सोनीबता रहे हैं ऐसे ही 5 योग के फायदे और इन्हें करने के तरीकों के बारे में।

अंजली -  मित्रों हमारे अगले श्रोता हैं मालवा रेडियो श्रोता संघ, प्रमीलागंज, आलोट से बलवंत कुमार वर्मा, राजुबाई माया वर्मा, शोभा वर्मा, राहुल, ज्योति, अतुल और इनके साथी, आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म फ़रेब (1996) का गाना जिसे गाया है अभिजीत भट्टाचार्य ने गीतकार हैं नीरज, संगीत दिया है जतिन ललित ने और गीत के बोल हैं -----

 

सांग नंबर 3. ये तेरी आँखें झुकी झुकी ....

पंकज - 

1.    भ्रामरी प्राणायाम -  इससे ऑफिस में एंग्जायटी, थकान और स्ट्रेस दूर होता है, साथ ही दिनभर रिलैक्स फील होता है।

2.    भ्रामरी प्राणायाम करने का तरीका – इसे करने के लिये अपनी आँखें बंद करके बैठ जाएं और अपनी तर्जनी उंगली को दोनों कानों पर रखें। अब गहरी सांस लें और मधुमक्खी की तरह आवाज़ निकालें। ऐसा पांच से आठ मिनट करें।

3.    पर्वतासन – ये आसन करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन की सप्लाई पर्याप्त मात्रा में रहती है। इससे दिमाग चुस्त रहता है और एकाग्रता बढ़ती है।

 

अंजली -  मित्रों हमारे अगले श्रोता बहुत पुराने और चिर परिचित हैं देश प्रेमी रेडियो श्रोता संघ के राम कुमार रावत, गीता रावत, अमित रावत, ललित रावत, दीपक रावत, मनीष रावत आपने हमें पत्र लिखा है ग्राम आशापुर, पोस्ट दर्शन नगर, ज़िला फ़ैज़ाबाद, उत्तर प्रदेश से आप सभी ने सुनना चाहा है फिल्म शालीमार (1978) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर ने गीतकार हैं आनंद बख्शी और संगीत दिया है राहुल देव बर्मन ने गीत के बोल हैं ------

 

सांग नंबर 4. आईना वही रहता है .......

पंकज - 

4.    पर्वतासन करने का तरीका  -  ज़मीन पर बैठ जाएं, पहले बायां पैर दाईं जांघ पर रखें और दायां पैर बाईं जांघ पर रखें, दोनों हाथ सिर के ऊपर एकदम सीधा रखकर हाथों को जोड़ लें। अब सांस धीरे धीरे छोड़ें, ऐसा पांच मिनट तक करें।

5.    प्राण मुद्रा – इस आसन से दिनभर ऑफिस में थकान और स्ट्रेस की समस्या कंट्रोल होगी। 

6.    आँखें बंद करके बैठ जाएं और अब अपने दोनों हाथों के अंगूठे के पोरों के साथ अपनी सबसे छोटी उंगली और अनामिका उंगली के पोरों को साथ जोड़ें और लंबी लंबी सांस लें। 5 से 10 मिनट तक इसी मुद्रा में बैठें और लंबी सांस लें।

 

अंजली – मित्रों कार्यक्रम में हमारे अगले श्रोता हैं क्लासिक रेडियो श्रोता संघ के राजेश मेहरा और इनके सभी परिजन आपने हमें पत्र लिख भेजा है ग्राम बाका ए खुर्द, झालावाड़, राजस्थान से आपने सुनना चाहा है फिल्म ईश्वर (1989) का गाना जिसे गाया है लता मंगेशकर और नितिन मुकेश ने गीतकार हैं अंजान और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं -----

 सांग नंबर 5. आगे सुख तो पीछे दुख है .....

पंकज -

7.    अधोमुख आसन – इससे ब्रेन पूरी तरह रिलैक्स हो जाता है और काम करने में एकाग्रता बढ़ती है।

8.    अधोमुख श्वानासन करने का तरीका – घुटने के बल खड़े हो जाएं, अब हाथों को ज़मीन पर रखें। पंजों पर ज़ोर देते हुए घुटनों को सीधा करें। कमर का पिछला हिस्सा उठाएं और अंग्रेज़ी का वी शेप बनाएँ। कुछ देर अपने शरीर को इसी पोज़ीशन में रखें। अब सांस छोड़ते हुए नॉर्मल पोज़ीशन पर आएं। ऐसा तीन से चार बार करें।

9.    बंध कोणासन -  इस आसन को रोज़ करने से नर्वसनेस कम होती है। एकाग्रता बढ़ती है। इसे दिन में कभी भी कर सकते हैं।

10.  पहले पीठ सीधी कर ज़मीन पर बैठें, अपने घुटने मोड़कर तलवे एक दूसरे से सटाकर बैठ जाएं, अब अपने दोनों हाथों की उंगलियों का फांस बनाकर पंजों को पकड़ लें और आगे झुकें, अपनी ठोढ़ी को ज़मीन पर लगा लें अब कुछ सेकेंड इसी पोज़ीशन पर रहें, फिर वापस नॉर्मल पोज़ीशन पर आ जाएं। 

अंजली – मित्रों कार्यक्रम में हमारे अगले श्रोता हैं कुरसेला तिनधरिया से ललन कुमार सिंह, श्रीमती प्रभा देवी, कुमार केतु, मनीष कुमार मोनू, गौतम कुमार, स्नेहलता कुमारी, मीरा कुमारी और एल के सिंह ... आपको गाना सुनवाने से पहले हम कहना चाहते हैं ललन कुमार जी कि आप हमें अपना पूरा पता लिखकर भेजें। और अब आपकी पसंद का गाना आपने सुनना चाहा है फिल्म तेज़ाब (1988) का गाना जिसे गाया है अमित कुमार और अनुराधा पौडवाल ने गीतकार हैं जावेद अख़्तर और संगीत दिया है लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने और गीत के बोल हैं ----- 

सांग नंबर 6. कह दो कि तुम हो मेरी वरना ......

पंकज तो मित्रों इसी के साथ हमें आज का कार्यक्रम समाप्त करने की आज्ञा दीजिये अगले सप्ताह आज ही के दिन और समय पर हम एक बार फिर आपके सामने लेकर आएंगे कुछ नई और रोचक जानकारियां साथ में आपको सुनवाएँगे आपकी पसंद के फिल्मी गीत तबतक के लिये नमस्कार।

अंजली - नमस्कार।  

 

 

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