015 ची छांग की तीरंदाजी कला

2017-02-13 18:48:16 CRI

झाड़ी के कांटे में बंदर की मूर्ति 棘刺雕猴

015 ची छांग की तीरंदाजी कला

"झाड़ी के नुकीले कांटे में बंदर की मूर्ति"नीति कथा को चीनी भाषा में"जी छी त्याओ होउ"(jícìdiāo hóu) कहा जाता है, इसमें"जी छी"झाड़ी के नुकीला कांटा है, जबकि"त्याओ"का अर्थ है नक्काशी करना और"होउ"बंदर होता है।

बहुत पुराने जमाने की बात है। यान राज वंश के राजा ने शिल्प कला में पारंगत लोगों की तलाश में विज्ञापन जारी किया। यह जानकर वेइ राज्य के शिल्पी ने दरबार में आकर राजा से कहा कि वह झाड़ी के नुकीले कांटे पर बंदर की मूर्ति बनाने में सक्षम है। उसके असाधारण हुनर के बारे में जानकर राजा को बड़ी खुशी हुई और उसने शिल्पी को दरबार में रहने की तरह तरह की सुविधाएं दे दी।

इस तरह कई दिन गुजरे थे। राजा शिल्पी से उत्तम मूर्ति कला का प्रदर्शन देखने को बहुत आतुर था, लेकिन शिल्पी ने राजा से कहा, "महाराज , यदि आप मेरी अनूठी मूर्ति कला देखना चाहते हैं, तो आपको मेरी दो शर्तें माननी होंगी। पहली शर्त है कि आप छह महीने तक अंतरपुरी में रानियों से मिलने नहीं जाएंगे। दूसरी है कि आप मदिरा और गोश्त न खाने का व्रत रखेंगे। उसके बाद जिस दिन आसमान में धूप खिली होगी, उस दिन आधे अंधेरा वाली रोशनी में मेरे द्वारा झाड़ी के नुकीले कांटे पर तराशी गई बंदर की मूर्ति देख पाएंगे।"

ये शर्तें पूरी करना राजा के लिए बहुत मुश्किल था। उसे वह पूरा नहीं कर सकता था। लाचार होकर राजा को शिल्पी को दरबार में बढ़िया खाना और अन्य सुविधाएं देनी पड़ी। लेकिन कभी भी उसे शिल्पी की अनूठी कला को देखने का मौका नहीं मिला।

खबर दरबार के एक लोहार के कान तक पहुंची। उसे शिल्पी की चालाकी पर हंसी आई। लोहार ने राजा से कहा:"मैं लोहे के औजार बनाने में कुशल हूं, मुझे पता है कि मूर्ति कितनी ही छोटी क्यों न हो, उसे चाकू से तराश कर बनाया जाता है। इसलिए वह चाकू की धार से बड़ी होनी जरूरी है। अगर वह चीज जिस पर मूर्ति बनायी जाती है, चाकू की धार से भी पतली और नुकीली है, तो उस पर मूर्ति नहीं खोदी जा सकती। महाराज, आप उस शिल्पी के चाकू की जांच कर जायजा लें, तभी शिल्पी का दावा सच है या झूठ सब सामने आ जाएगा। "

लोहार की बात राजा को समझ आ गयी, उसने तुरंत शिल्पी को पास बुलाया और पूछा कि तुम झाड़ी के नुकीले कांटे पर बंदर की मूर्ति बना सकते हो, तो बताओ कि तुम किस तरह के औजार से बनाओगे।

शिल्पी ने जवाब देते हुए कहा:"चाकू से बनाता हूं।"

राजा बोला:"ठीक है , तुम अपना चाकू दिखाओ ।"

शिल्पी बहुत घबराया और वह अपने घर से चाकू लाने के बहाने छुपकर वहां से फरार हो गया।

"झाड़ी के नुकीले कांटे में बंदर की मूर्ति"यानी चीनी भाषा में"जी छी त्याओ होउ"(jícìdiāo hóu) नाम की नीति कथा से हमें सीख मिलती है कि झूठ बोलना और डींग मारना एक बहुत बुरी आदत है। झूठ की पोल एक न एक दिन जरूर खुलकर सामने आ ही जाती है।

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