008 सुन्दरी की नकल
सुन्दरी की नकल 东施效颦
"सुन्दरी की नकल"कहानी को चीनी भाषा में"तोंग-श श्याओ फिन"(dōng shī xiào pín) कहा जाता है। इसमें"तोंग-श"युवती का नाम है,"श्याओ"का अर्थ है नकल करना और"फिन"का अर्थ भ्रूभंग है, यहां मतलब है माथा सिकुड़ना है।
आज से लगभग दो हजार वर्ष पहले, दक्षिण चीन के युए राजवंश में सी-श नाम की एक युवती थी। वह इतनी खूबसूरत थी कि उसकी प्रसिद्धि चारों तरफ फैल गई। उसका प्रत्येक हाव-भाव सुन्दर लगता था। हालांकि उसे बीमारी भी थी। तेज़ पेट दर्द के चलते सी-श का माथा अकसर सिकुड़ जाता था और वह दोनों हाथ छाती पर रख कर चलती थी। बीमारी के कारण बने उसके हाव-भाव भी लोगों को पसंद आते थे। उनकी नजर में सी-श इस दौरान सामान्य समय की तुलना में ज्यादा सुंदर लगती थी।
सी-श के गांव में एक कुरूप लड़की भी रहती थी, जिसका नाम तोंग-श था। वह समझती थी कि सी-श इसलिए सुन्दर मानी जाती है, क्योंकि वह अकसर छाती पर हाथ मसलते हुए चलती है और उसका माथा सिकुड़ जाता है। अतः वह सी-श की नकल करने लगी। वह जब कभी बाहर घूमने जाती, तो वह भी छाती पर हाथ रखे हुए माथा सिकोड़ते चलती, मानो वह इतनी दुबली हो कि हवा के झौके को भी सहन न कर पाए। बिना किसी बीमारी के जानबूझकर इस तरह के हाव-भाव दिखाने से तोंग-श के प्रति लोगों में दिल में नफ़रत पैदा होने लगी। इसलिए जब भी वह बाहर जाती, तो पड़ोसी उसे देखकर दरवाजे बंद करने लगते। यहां तक कि उसकी बदसूरती और साये से भी दूर रहने की कोशिश करते। स्थिति यहां तक आ गयी, कुछ गांव वाले अपने घर छोड़कर दूसरे गांव में बसने लगे।
"सुन्दरी की नकल"यानी"तोंग-श श्याओ फिन"(dōng shī xiào pín) नाम की नीति कथा चीन में बहुत मशहूर है, आज भी लोग इस कहावत का इस्तेमाल ऐसे लोगों की आलोचना करने के लिए करते हैं, जो अपनी वास्तविकता के विपरीत दूसरों की नकल करते है और उसका उल्टा परिणाम होता है।